मिश्राजी अपने बेटे के मेडिकल में एडमिशन की खुशी से बहुत खुश थे, क्योंकि उन्होंने काफी मेहनत की थी। उनका बेटा अब करियर बनाने की राह पर था और उनकी बेटी की शादी भी हो चुकी थी। पुराने घर में बिताए 12 साल दुःख भरे थे, लेकिन नए घर में आकर उनकी जिंदगी में खुशियाँ लौट आई थीं। शर्मा जी, जो मिश्राजी के बॉस थे, ने उन्हें एक अच्छा घर किराये पर दिया था। शर्मा जी की दो बेटियां थीं, जिनमें से एक की मृत्यु हो चुकी थी और दूसरी के लिए वह लड़का खोज रहे थे। हालांकि मिश्राजी ने कभी शर्मा जी से घर खरीदने की बात नहीं की, क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति उसे खरीदने की अनुमति नहीं देती थी। वह किराये के घर में खुश थे। एक दिन शर्मा जी अकेले आए और चिंतित दिख रहे थे, जिससे मिश्राजी ने उनसे पूछा कि क्या बात है। ज़हर Sachin Godbole द्वारा हिंदी लघुकथा 3.9k 2k Downloads 7.5k Views Writen by Sachin Godbole Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण sending the short story October story competition. The Story is about Mishra ji and Sharma ji. It shows how rumor spreads faster than the forest fire. Story depicts how human mind works out of greed. More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी