कहानी "रंगभूमि" के 50वें अध्याय में, कुँवर विनयसिंह की वीर मृत्यु के बाद रानी जाह्नवी सक्रियता से भर जाती हैं। वे अपने सेवक-दल का संचालन करती हैं और दान के कार्य में जुट जाती हैं। रानी ने अपने व्यक्तिगत धन और आभूषण तक का बलिदान कर दिया, जिससे उनकी सेवा का क्षेत्र विस्तृत हुआ। इस बीच, डॉक्टर गांगुली का आशावाद टूट जाता है, और उन्हें यह समझ आता है कि वर्तमान स्थिति में आशावाद केवल आत्म-वंचना है। वे कौंसिल में मि. क्लार्क के खिलाफ आवाज उठाते हैं, लेकिन उनकी आवाज को अनसुना किया जाता है। गांगुली अपने गुस्से में गवर्नर को खरी-खरी सुनाते हैं, जिसके कारण उन्हें सभा से बाहर निकाल दिया जाता है। डॉक्टर गांगुली को अपने चार दशकों के विश्वास में दरार दिखाई देती है और वे समझते हैं कि सरकार केवल उनके अस्तित्व को मिटाने की कोशिश कर रही है। अंततः, वे सभा से बाहर कर दिए जाते हैं और अपने त्याग-पत्र के साथ वहाँ से चले जाते हैं। कुँवर भरतसिंह से मिलने पर, वे कहते हैं कि अब वे भी सेवक-दल के काम में शामिल हो गए हैं, और अब उत्साह के साथ काम करेंगे। रंगभूमि अध्याय 50 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 33.2k 6.9k Downloads 20.3k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This उजाले की राह द्वारा Mayank Bhatnagar Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी