स्व. बहिणाबाई चौधरी की रचनाएँ महाराष्ट्र की अहिराणी भाषा में हैं। उनकी कविताएँ गाँव की सरल बोली में लिखी गई हैं। पहले रचना में बया चिड़िया के घोंसले का वर्णन है, दूसरी नैतिक उक्तियाँ हैं, तीसरी बारिश के मौसम का वर्णन करती है, और चौथी किसान भाई और उसके गाँव की प्रशंसा में है। अनुवाद अष्टाक्षरी छंद में किया गया है। पहली कविता "सुगरणीचा खोपा" है, जिसमें चिड़िया के घोंसले की सुंदरता और उसके बच्चों की देखभाल का वर्णन है। बहिणा बाई के गीत Manish Gode द्वारा हिंदी कविता 1 5.3k Downloads 17.8k Views Writen by Manish Gode Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मैं यहाँ मराठी की अग्रगण्य कवियत्री स्व. बहिणाबाई चौधरी की प्रसिद्ध कविताओं में से चंद कविताओं का हिंदी अनुवाद करने की चेष्टा कर रहा हूँ। आशा है, आपको ये पसंद आएगी। More Likes This मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER हाल ए दिल द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी