"रंगभूमि" के अध्याय 48 में, काशी के म्युनिसिपल बोर्ड में विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के लोग उपस्थित हैं। राजा महेंद्रकुमार के नेतृत्व में महाजनों और रईसों का शासन है, जबकि जनसत्ताावादियों की स्थिति कमजोर है। पाँड़ेपुर के सत्याग्रह ने जनसत्ताावादियों में संगठनात्मक शक्ति पैदा की, जिससे राजा साहब के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का आंदोलन शुरू हुआ। राजा साहब को दोनों ओर से दबाव का सामना करना पड़ रहा है और उन्होंने विरोध का सामना करने के लिए अपनी राजनीतिक सोच में बदलाव किया है। राजा साहब ने अपने पद पर बने रहने के लिए संघर्ष किया और लोगों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि वह जनता की सेवा के लिए तत्पर हैं। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि वह पद-लोलुप नहीं हैं, बल्कि अपनी गलती के लिए प्रायश्चित करना चाहते हैं। बोर्ड में प्रस्ताव पेश होने के बाद, उन्होंने अपनी भावनाओं को साझा किया और सूरदास, कुँवर विनयसिंह तथा इंद्रदत्ता के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। उनके शब्दों में स्पष्ट है कि उन्हें विनयसिंह की मृत्यु का गहरा दुःख है, और वह इसे जीवनभर महसूस करेंगे। रंगभूमि अध्याय 48 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2k 3.3k Downloads 10.1k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी