यह कहानी प्यार के अनुभवों और उसके साथ जुड़े उतार-चढ़ाव के बारे में है। जब व्यक्ति सोचता है कि वह प्यार से मुक्त हो गया है, तब अचानक प्यार की भावना फिर से जाग उठती है। यह प्यार बचपन से शुरू होता है और समय के साथ बढ़ता है, मानो यह एक यायावर की तरह है। लेखक अनुभव करता है कि वह दूसरों को जोड़ता और घटाता है, और इसी प्रक्रिया में कभी टूटता और कभी उभरता है। वह कई बार स्थिर भी हो जाता है। अंत में, वह अपने प्रेमी से यह चाहता है कि वह उसे भेद दे या उसकी अभेद्यता को बनाए रखे, ताकि उनके बीच की गति निरंतर बनी रहे। मन महेश रौतेला द्वारा हिंदी लघुकथा 1 1.7k Downloads 5k Views Writen by महेश रौतेला Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जब सोचा कि प्यार से मुक्त हो चुका हूँ तो फिर प्यार की सुगबुगाहट होने लगती है। वह बचपन से आरम्भ होता है।फिर हम उम्र में आ जाता है,एक यायावर की तरह है ये। More Likes This Chai ki Pyali - 1 द्वारा Mansi गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 1 द्वारा Amit Kumar HIDDEN BILLIONAIRE - 1 द्वारा Dhiru Shukla बेधड़क दरोगा जी द्वारा Devendra Kumar राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 1 द्वारा Soni shakya चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 द्वारा Sumit Sharma परिमल - 1 द्वारा Madhavi Marathe अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी