अजय अपनी कॉलेज की दोस्त शिखा को मानसिक अस्पताल में देखकर चौंकता है। शिखा बताती है कि वह अपने पति सुधीर के साथ आई है, जो कुछ समय से परेशान हैं। सुधीर की नौकरी छोड़ने के बाद से वह और भी चुप और उदास हो गए हैं, न तो किसी से बात करते हैं और न ही अपने बेटे बबलू से प्यार से मिलते हैं। शिखा और अजय दोनों यह समझने की कोशिश करते हैं कि सुधीर की परेशानी का कारण क्या है। वे कई उपाय कर चुके हैं, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। अजय शिखा से पूछता है कि क्या सुधीर का किसी से कोई झगड़ा या प्रेम संबंध था, लेकिन शिखा इसका खंडन करती है। कहानी में रहस्य और तनाव बना रहता है कि आखिर सुधीर के व्यवहार में अचानक बदलाव की वजह क्या है। खाओ मेरे सिर की कसम CHHATRA PAL VERMA द्वारा हिंदी लघुकथा 6 1.5k Downloads 8.2k Views Writen by CHHATRA PAL VERMA Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मनोवैज्ञानिक तथ्य पर आधारित यह कहानी एक सत्य कथा है पात्रों व घटनाओं का कहानीकरण जरूर किया गया है साथ ही यह कहानी हमारी भारतीय परम्पराओं पर भी एक प्रहार है यह कहानी लगभग हर आम भारतीय पुरुष की कहानी है More Likes This शादी एक समझौता - 1 द्वारा SUMIT PRAJAPATI रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी