अजय अपनी कॉलेज की दोस्त शिखा को मानसिक अस्पताल में देखकर चौंकता है। शिखा बताती है कि वह अपने पति सुधीर के साथ आई है, जो कुछ समय से परेशान हैं। सुधीर की नौकरी छोड़ने के बाद से वह और भी चुप और उदास हो गए हैं, न तो किसी से बात करते हैं और न ही अपने बेटे बबलू से प्यार से मिलते हैं। शिखा और अजय दोनों यह समझने की कोशिश करते हैं कि सुधीर की परेशानी का कारण क्या है। वे कई उपाय कर चुके हैं, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। अजय शिखा से पूछता है कि क्या सुधीर का किसी से कोई झगड़ा या प्रेम संबंध था, लेकिन शिखा इसका खंडन करती है। कहानी में रहस्य और तनाव बना रहता है कि आखिर सुधीर के व्यवहार में अचानक बदलाव की वजह क्या है।
खाओ मेरे सिर की कसम
CHHATRA PAL VERMA
द्वारा
हिंदी लघुकथा
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विवरण
मनोवैज्ञानिक तथ्य पर आधारित यह कहानी एक सत्य कथा है पात्रों व घटनाओं का कहानीकरण जरूर किया गया है साथ ही यह कहानी हमारी भारतीय परम्पराओं पर भी एक प्रहार है यह कहानी लगभग हर आम भारतीय पुरुष की कहानी है
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