यह कहानी एक पुलिसवाले और एक भेड़िये के बीच की बातचीत पर आधारित है। शहर के बाहरी किनारे पर, जहाँ एक वन विहार और श्मशान घाट हैं, एक पुलिसवाला गश्त लगा रहा है। रात के समय, जब सब वीरान है, पुलिसवाला एक भेड़िये से सामना करता है। भेड़िया इंसानों की तरह बात करता है, जिससे पुलिसवाला चौंक जाता है। भेड़िया बताता है कि वह यहाँ भुना हुआ गोश्त खाने आता है। यह सुनकर पुलिसवाला दंग रह जाता है और सोचता है कि भेड़िया आदमखोर हो गया है। कहानी हास्य और अजीब परिस्थितियों से भरी हुई है। भुना हुआ गोश्त Manoj Tiwari द्वारा हिंदी लघुकथा 2.7k 2.3k Downloads 7.8k Views Writen by Manoj Tiwari Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण A short story for October 2017 Story contest. It is a satire on current system and how one of the corrupt officer meets his destiny. Narrated through natural worldly wild vs urban wild. More Likes This रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी