कहानी "रंगभूमि" के अध्याय 36 में ताहिर अली की आर्थिक स्थिति का वर्णन है। मिस्टर जॉन सेवक ने उनकी मेहनत को देखते हुए उन्हें अच्छा कमीशन दिया, जिससे उनकी आय बढ़ी और वे मिल के मजदूरों में रुतबा प्राप्त करने लगे। हालांकि, आय में बढ़ोतरी के साथ-साथ उनके खर्च भी बढ़ गए। ताहिर अली को अब अपने सामाजिक स्थिति को बनाए रखने के लिए अधिक दिखावे और खर्चों का सामना करना पड़ रहा था। वे अकेले रहते थे, परन्तु अब उनकी माताओं और अन्य सदस्यों के कारण उन्हें दावतें भी देनी पड़ती थीं। इसके चलते, उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर होती गई और उन्हें अपने दोस्तों से पैसे मांगने पड़ते थे। इस बीच, उनका छोटा भाई माहिर अली पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में भरती हो गया, और उसकी कमाई का आधा हिस्सा उन्हें भेजना पड़ता था। ताहिर अली को लगातार खर्चों से डर लगा रहता था, लेकिन परिवार की उम्मीदों के कारण उन्हें प्रयास करते रहना पड़ा। आखिरकार, ताहिर अली को डॉक्टरी परीक्षा के लिए पैसे की आवश्यकता पड़ी, और जब उन्होंने अपनी पत्नी कुल्सूम से जेवर मांगने की बात की, तो उसने स्पष्ट किया कि उसे गहनों की आवश्यकता नहीं है, केवल रोटी-दाल की ही जरूरत है। इस पर ताहिर अली शर्मिंदा हो गए। यह कहानी ताहिर अली की संघर्ष और पारिवारिक दबाव को उजागर करती है। रंगभूमि अध्याय 36 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 3 2.9k Downloads 10.2k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This Taaj Ya Taqdeer ? - 1 द्वारा dhun गड़बड़ - चैप्टर 2 द्वारा Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी