कृष्णा सोबती एक प्रमुख भारतीय लेखिका हैं, जिनका जन्म 18 फरवरी, 1925 को पंजाब के गुजराँवाला में हुआ था। उन्होंने 1950 में अपनी पहली कहानी "श्लामाश" के साथ लेखन की शुरुआत की और उनके कामों में उपन्यास, कहानी, और संस्मरण शामिल हैं। उनकी प्रमुख कृतियाँ "डार से बिछुड़ी," "जिंदगीनामा," "ए लड़की," "मित्रो मरजानी," और "हमहशमत" हैं। सोबती को कई साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें साहित्य अकादमी पुरस्कार और साहित्य शिरोमणि सम्मान शामिल हैं। कहानी "मेरी माँ कहाँ" में यूनस खाँ की मनोदशा को दर्शाया गया है, जो आजादी के संघर्ष के दौरान खूनखराबे और हिंसा के बीच अपने नए वतन की स्वतंत्रता के लिए लड़ता है। वह अपने व्यक्तिगत संघर्ष और देश के लिए अपनी निस्वार्थता को दर्शाता है, जबकि उसकी आँखों के सामने मौत और तबाही का मंजर है। यूनस खाँ की सोच इस बात पर केंद्रित है कि आजादी बिना खून के नहीं मिलती, और वह इस क्रांति के दौरान खुद को खो देता है। कृष्णा सोबती MB (Official) द्वारा हिंदी लघुकथा 608 4.6k Downloads 14.9k Views Writen by MB (Official) Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रसिध्ध हिन्दी साहित्यकार कृष्णा सोबती जो अपनी लघुकथाओं के लिये जानी जाती है, उनकी चंद रचनाएँ More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी