इस अध्याय में प्रभु सेवक और जान सेवक मकानों के निर्माण पर चर्चा कर रहे हैं। जान सेवक ने कहा कि कुलियों के लिए अलग-अलग मकान बनाने की बजाय लम्बे बैरक बनाए जाने चाहिए, जिसमें 10-12 मजदूर रह सकें। प्रभु सेवक ने इस विचार पर सवाल उठाया कि कई कुली अपने परिवार के साथ रहना चाहेंगे। मिसेज सेवक ने सुझाव दिया कि कुलियों के बच्चों के लिए स्थान होना चाहिए और एक छोटा चर्च भी होना चाहिए। ईश्वर सेवक ने धार्मिक भोजन की आवश्यकता को शारीरिक भोजन के समान आवश्यक बताया और चर्च के निर्माण का समर्थन किया। हालांकि, जान सेवक चिंतित हैं कि वह इस प्रस्ताव को समिति के सामने कैसे प्रस्तुत करेंगे, क्योंकि वह अकेले ही इस विचार को नहीं रख सकते। मिसेज सेवक ने तर्क किया कि अन्य धर्मों के अनुयायी भी अपने धार्मिक क्रियाकलाप कर सकते हैं, इसलिए चर्च के निर्माण पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। ईश्वर सेवक ने बाइबिल के उपदेशों को शांति का प्रतीक बताया और चर्च के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की बात की। अंत में, जान सेवक और प्रभु सेवक ने आधी रात तक नक्शे बनाने पर चर्चा की, यह विचार करते हुए कि कितनी जमीन की आवश्यकता होगी और कितने मकान बनाए जाएंगे। रंगभूमि अध्याय 34 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1.2k 3k Downloads 9.5k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी