कहानी "पापा की गुड़िया" के भाग-3 में, पात्रों के बीच समाज में शादी और दहेज के मुद्दों पर चर्चा होती है। पापा निराश होते हैं क्योंकि वे मानते हैं कि गाँव में शादी के लिए पैसे खर्च करना जरूरी है और लोग केवल अपने फायदे के लिए सोचते हैं। protagonista यह समझाने की कोशिश करता है कि बेटियों के जन्म पर समाज की सोच नकारात्मक होती है, जबकि बेटों के जन्म पर जश्न मनाया जाता है। वह बताता है कि बेटियों की परवरिश और उनके लिए दहेज की व्यवस्था में भी बहुत खर्च होता है, और बेटियाँ घर की लक्ष्मी होती हैं। पापा इस बात से सहमत होते हैं कि हमें चिंता नहीं करनी चाहिए और जो होगा, देखा जाएगा। कहानी का अंत यह बताता है कि protagonist शहर लौट जाता है और फिर पापा बताते हैं कि किसी लड़के के साथ बात पक्की हो गई है, अब शादी की तिथि तय करना बाकी है। पापा कि गुड़िया Divana Raj bharti द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5 1.6k Downloads 13.8k Views Writen by Divana Raj bharti Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मेहमान के जाते हि पापा और निराश हो गये और बोले, पापा - राज ये गाँव है, यहाँ शादी में पैसा खर्च करना हि पड़ता है, इसतरह स्टांप पेपर पे कुछ शर्ते लिखकर, कुछ लोगों के हस्ताक्षर ले के शादी नहीं होगी, कोई नही मानेगा तेरी बात, आजकल सब अपना फायदा देखता हैं। More Likes This अहम की कैद - भाग 1 द्वारा simran bhargav भूलभुलैया का सच द्वारा Lokesh Dangi बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi मंजिले - भाग 12 द्वारा Neeraj Sharma रिश्तों की कहानी ( पार्ट -१) द्वारा Kaushik Dave बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी