"रंगभूमि" के अध्याय 25 में राजा महेंद्रकुमार और मिस्टर क्लार्क के बीच लंबे समय तक चल रही बहस का वर्णन है। पत्रा पर दलीलें और तर्कों की बौछार होती है, लेकिन राजा साहब बार-बार निराश हो जाते हैं। शहर के रईसों ने स्वार्थ के चलते समर्थन नहीं किया, और कई हस्ताक्षर करने से भाग गए। डॉक्टर गांगुली ने जनता की ओर से सरकार से प्रश्न पूछने की कोशिश की, और कुछ सफलता भी मिली, लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं हुआ। इस बीच, मध्यम वर्ग के लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे, जिसका नेतृत्व कुँवर भरतसिंह ने किया। उन्होंने कहा कि अब हमें अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए। महेंद्रकुमार ने भी गुप्त रूप से इस आंदोलन को समर्थन दिया। रात को विनयसिंह के कारावास की खबर सुनकर कुँवर साहब ने अपने सहयोगियों को बुलाया, और इस स्थिति पर चर्चा की। महेंद्रकुमार ने रियासतों पर सरकार के दबाव की चर्चा की, जबकि भरतसिंह ने विदेशी अन्याय के खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता पर जोर दिया। रंगभूमि अध्याय 25 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2 2.5k Downloads 8.6k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This नींद में चलती कहानी... - 1 द्वारा Babul haq ansari शब्दों का सच्चा सौदागर - 1 द्वारा Chanchal Tapsyam Taaj Ya Taqdeer ? - 1 द्वारा dhun गड़बड़ - चैप्टर 2 द्वारा Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी