इस कहानी में बैल की विशेषताओं और उसकी भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया है। बैल को आमतौर पर शांत और निस्क्रिय माना जाता है, जिसके कारण लोग उसे ललकारने और चुनौती देने की हिमाकत करते हैं। लेखक यह बताते हैं कि बैल को लड़ाई के लिए ललकारने का कोई इतिहास नहीं है और लोग ऐसे लोगों से बचना पसंद करते हैं जो हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहते हैं। कहानी में यह भी उल्लेख है कि बैल को राष्ट्रीय स्तर पर उचित मान्यता नहीं दी गई, हालाँकि वे खेतों में काम करने और सामान खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बैल कभी भी अपनी उपेक्षा की शिकायत नहीं करते और हमेशा अपने मालिकों के प्रति वफादार रहते हैं। लेखक बैल की विशेषताओं को दर्शाते हुए यह कहते हैं कि वे परिस्थिति के बावजूद अपनी दिनचर्या नहीं बदलते और कभी भी अपने मालिकों के खिलाफ नहीं जाते। अंत में, लेखक ने प्रेमचंद की कहानी ‘हीरा-मोती’ का संदर्भ देकर बैल के श्रंगार की अनुभूति का जिक्र किया।
आ बैल
sushil yadav द्वारा हिंदी पत्रिका
Three Stars
1.6k Downloads
5.5k Views
विवरण
मैंने बैलो में, श्रंगार की अनुभूति का आनन्द लेते, सिर्फ प्रेमचन्द जी की कहानी ‘हीरा-मोती’ में महसूस किया वैसे सजे –सजाये बैल फिर कभी सुने-दिखे नहीं बैल जोडी के निशाँन को लेकर एक पार्टी का बरसों राज चला सचमुच में वे दिन बैलो की तरह निश्चिन्त ,निसफिक्र,निर्विवाद थे महंगाई के मुह खुले न थे कालाबाजारी ,घुसखोरी भ्रस्टाचार पर नथे हुए बैलो की तरह लगाम लगे थे
More Likes This
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी