यह कहानी एक युवक, अमरेश, की है जो अपने घर की नींव से ईंटें निकालने का काम कर रहा होता है। उसके परिवार ने पुराने घर को तोड़कर नए मकान के लिए ईंटें निकालने का निर्णय लिया। अमरेश अकेला काम कर रहा था, जबकि उसके छोटे भाई ने स्कूल जाने से पहले थोड़ी मदद की थी। काम करते समय, उसे यह एहसास नहीं हुआ कि ईंटें निकालने से मिट्टी में दरार आ गई है। जब वह गहरे गड्ढे में बैठकर काम कर रहा था, अचानक मिट्टी का एक बड़ा ढेर उसके ऊपर गिर गया, जिससे वह दब गया। उसका मोबाइल भी मिट्टी में दब गया था और वह मदद के लिए आवाज लगाने लगा, लेकिन उसकी आवाज किसी को नहीं सुनाई दी। उसकी मदद के लिए पास में खड़ी दो छोटी बच्चियाँ घबरा गईं और जोर-जोर से रोने लगीं, लेकिन फिर डरकर वहाँ से भाग गईं। अमरेश को उम्मीद थी कि बच्चियाँ घर जाकर उसकी स्थिति के बारे में बताएंगी। जाको राखे रब Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 21.7k 1.7k Downloads 6.9k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कई बार मृत्यु जब किसी को खींच कर ले जा रही हो, उसे अफ्नो के प्रयास और रब की मर्जी उसको जीवनदान देने के लिए पर्याप्त हैं। इसीलिए कहते हैं जाको राखे रब, बचा लेते हैं सब More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी