अध्याय 23 में सूरदास की स्थिति में परिवर्तन को दर्शाया गया है। पहले वह हाकिमों के अत्याचार की चर्चा करता रहा और मोहल्ले वाले उसकी स्थिति को समझते थे। लेकिन जब सूरदास ने विजय प्राप्त की, तो मोहल्ले वाले उसकी सहानुभूति को प्रतिस्पर्धा में बदलने लगे। उन्हें संदेह होने लगा कि सूरदास उन्हें तुच्छ समझता है। मोहल्ले के लोग अब उससे खार खाने लगे, सिवाए ठाकुरदीन के, जो अभी भी उसके पास आता रहा। सूरदास का स्वभाव भी बदल गया है। वह पहले धैर्यशील था, लेकिन अब उसके भीतर क्रोध की कमी थी। लोग उसे ताने मारते रहे, लेकिन वह चुप रहा। मिठुआ के साथ उसके संबंध भी खराब हो गए; लोग उसकी नम्रता को नहीं देखते थे, बल्कि मिठुआ की दुष्टताओं को देखते थे। सूरदास को यह उलहने मिलने लगे, और वो समझाने की कोशिश करता रहा, लेकिन मिठुआ पर इसका कोई असर नहीं हुआ। सोफ़िया, जो मि. क्लार्क के साथ रहती थी, सूरदास से मिलने आती थी और उसकी मदद करती थी। लेकिन मोहल्ले वाले सोचते थे कि सूरदास बड़े साहब से उनकी शिकायत कर रहा है। एक बार, सूरदास पर चोरी का आरोप भी लगा, जिससे उसका मन दुखी हुआ, खासकर जब सुभागी ने उसे सार्वजनिक रूप से लांछित किया। उसे उम्मीद थी कि सुभागी उसकी नीयत को समझेगी, लेकिन उसका मन भी बदल गया। रंगभूमि अध्याय 23 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 4 2.4k Downloads 7.3k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This गड़बड़ - चैप्टर 2 द्वारा Maya Hanchate इश्क़ बेनाम - 1 द्वारा अशोक असफल शोहरत की कीमत - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी