नीलिमा की कहानी समय की भागदौड़ और परिवार के प्रति अनदेखी को दर्शाती है। वह अपने पति अजय के प्रति निराश है, जो हमेशा ऑफिस के काम में व्यस्त रहता है और अपने परिवार के लिए समय नहीं निकालता। नीलिमा चाहती है कि अजय अपने बेटे रोहन के साथ थोड़ा समय बिताए, लेकिन अजय इस पर ध्यान नहीं देता। नीलिमा अपने बेटे रोहन की परवरिश में अकेली महसूस करती है, जबकि वह अपने बेटे की खेलों के प्रति रुचि को भी समझती है। जब रोहन बारिश में खेलने जाता है, तो नीलिमा उसे रोकने की कोशिश करती है, लेकिन वह उसकी बात नहीं सुनता। अंत में, नीलिमा उसे घर लाने में सफल होती है और पकोड़े बनाने की योजना बनाती है, जबकि रोहन अपने पिता की ओर से मिली अनदेखी पर टिप्पणी करता है। यह कहानी दिखाती है कि समय के साथ परिवार के सदस्यों के बीच की दूरी कैसे बढ़ती जाती है और एक माँ की चिंताओं को कैसे अनदेखा किया जाता है। कसर Ayushi द्वारा हिंदी लघुकथा 11.8k 1.6k Downloads 7k Views Writen by Ayushi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ज़िन्दगी की उलझनों में तमाम जद्दोजहद के बाद भी कुछ ना कुछ रह जाता है। ऐसी ही कहानी है नीलिमा, अजय और रोहन की। अब क्या कसर रही ये तो पढ़कर ही मालूम होगा। आशा करती हूँ आप सबको पसन्द आएगी। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी