"रंगभूमि" के 16वें अध्याय में, विनयसिंह एक वट-वृक्ष के नीचे बैठे हैं, जहाँ पावस ने एक निर्जन स्थान को सुंदरता से भर दिया है, लेकिन विनय की मानसिक स्थिति चिंतित और उदास है। उनकी शारीरिक स्थिति कमजोर है, और वे अपने भीतर चल रहे संघर्ष से जूझ रहे हैं। वे सेवा के मार्ग पर चलते हैं, लेकिन प्रेम की भावना उन्हें बाधित करती है। विनय यहाँ कई महीने से हैं, और उनके मन की अशांति बढ़ती जा रही है। उन्होंने अपनी माँ को यहाँ के कठिनाइयों के बारे में पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें उम्मीद थी कि वह उन्हें बुला लेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सोफिया का पत्र आने के बाद उनकी निराशा और भी गहरी हो गई। हालांकि, वे अपने कर्तव्यों का पालन करते रहते हैं और लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए हैं। गाँव के लोग अब एकजुट होकर समस्याओं का समाधान करते हैं और सामूहिक जीवन को सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रहे हैं। विनय को चिकित्सा का ज्ञान है, और उन्होंने कई लोगों की मदद की है। हालांकि लोग उनकी सेवा के लिए तत्पर रहते हैं, विनय की अपनी इच्छाएँ साधारण हैं; उन्हें केवल रूखी रोटियाँ और पेड़ की छाया चाहिए। उनका त्याग और विरक्ति उन्हें उस क्षेत्र में अत्यंत प्रिय बना देती है। रंगभूमि अध्याय 16 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2.4k 3.3k Downloads 10.9k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी