"रंगभूमि" के इस अध्याय में राजा महेंद्रकुमार सिंह की नीति और उनके विचारों का वर्णन किया गया है। राजा अपने सिद्धांतों के प्रति दृढ़ हैं, लेकिन वे अधिकारियों के साथ विवाद करने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि शासकों के विश्वासपात्र रहकर ही वे समाज की सेवा कर सकते हैं। राजा का एक कमजोर पहलू यह है कि वे सम्मान के प्रति लोलुप हैं और अपने कार्यों का निर्णय ख्याति के आधार पर करते हैं। कहानी में, इंदु स्टेशन पर जाने की तैयारी कर रही है ताकि गढ़वाल जा रहे सेवा समिति के सदस्यों को विदा कर सके। राजा उसे जाने से रोकते हैं, यह कहते हुए कि मौसम खराब हो सकता है। इंदु अपनी भावना व्यक्त करती है कि उन लोगों को विदा करना उसकी जिम्मेदारी है जो लोक सेवा के लिए कठिनाई सहन कर रहे हैं। राजा, जो ऐसी संस्थाओं में भाग लेने से हिचकिचाते हैं, इस पर विचार करते हैं कि समाज सेवा में सहयोग देना लज्जाजनक नहीं होना चाहिए। यह संवाद राजा और इंदु के बीच की सोच और दृष्टिकोण के अंतर को उजागर करता है, जिसमें सामाजिक दायित्व और व्यक्तिगत गर्व का टकराव दिखाई देता है। रंगभूमि अध्याय 15 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1.8k 3.3k Downloads 9.8k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी