Atithi devo bhav book and story is written by vineet kumar srivastava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Atithi devo bhav is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अतिथि देवो भव vineet kumar srivastava द्वारा हिंदी लघुकथा 2 5k Downloads 26.5k Views Writen by vineet kumar srivastava Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रिश्तों को अपनी सीमा में रहकर प्रेम और अपनेपन से निभाया जाए तो रिश्तो में शहद सी मिठास घुल जाती है अन्यथा वही रिश्ते नीम से कड़ुए प्रतीत होते हैं अक्सर हम बड़े लोग भी बचकानी हरकतें कर बैठते हैं और उसका खामियाजा हमें अपने रिश्ते की बलि देकर चुकाना पड़ता है हमने भी सोंच लिया है कि इस वाक्य अतिथि देवो भव को एक सीमा तक ही स्वीकार करना चाहिए इतना नहीं कि अतिथि आपकी चाँद गंजी कर दे और आप तब भी कहते रहें - अतिथि देवो भव अतिथि देवो भव More Likes This वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R. B. Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी