जिन की मोहब्बत

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मेरी कहानियों को सरहने के लिए आप सबका तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आप सबने मेरी कहानियां पसंद की !मेरी इस कहानी को भी आप सबकी सहियोग की जरूरत है मेरा ऐसा ही साहस बढ़ते रहिये शुक्रिया...!7 साल की ज़ीनत निहायती खूबसूरत उसकी बड़ी बड़ी आंखें चेहरे से जैसे नूर बरसता हो..!"खुदा ने बहुत फुरसत से ज़ीनत को बनाया था इतनीे छोटी उमर में भी लोग उसे देखते ही रहे जाते थे..!वो अपने अब्बू की एक ही बेटी थी मां उसे जन्म देते वक़्त दुनिया से रुखसत हो गई थी उसके अब्बू ने अकेले ही ज़ीनत की परवरिश की..!"ओर

Full Novel

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जिन की मोहब्बत... - भाग 1

मेरी कहानियों को सरहने के लिए आप सबका तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आप सबने मेरी कहानियां पसंद !मेरी इस कहानी को भी आप सबकी सहियोग की जरूरत है मेरा ऐसा ही साहस बढ़ते रहिये शुक्रिया...!7 साल की ज़ीनत निहायती खूबसूरत उसकी बड़ी बड़ी आंखें चेहरे से जैसे नूर बरसता हो..! खुदा ने बहुत फुरसत से ज़ीनत को बनाया था इतनीे छोटी उमर में भी लोग उसे देखते ही रहे जाते थे..!वो अपने अब्बू की एक ही बेटी थी मां उसे जन्म देते वक़्त दुनिया से रुखसत हो गई थी उसके अब्बू ने अकेले ही ज़ीनत की परवरिश की..! ओर ...और पढ़े

2

जिन की मोहब्बत भाग...- 2

बा ओर ज़ीनत घर आई ज़ीनत अपने काम में और अपनी इबादत में लग गई उसकी शादी के लिए आना शुरू हो..! गए कुछ दिन में ज़ीनत की मामू की बेटी उसके लिए एक अच्छा रिश्ता लाने वाली थी ज़ीनत की फोटो देख कर लड़के ने कहा अम्मी ज़ीनत के घर जल्दी रिश्ता लेे जाओ..!अब आगे...! पार्ट 2"मुझे बहुत पसंद हैं ज़ीनत खूबसूरत ही इतनी थी कि कोई भी उसका दीवाना हो जाएं..!"उसकी सादगी लोगो के दिल में उतर जाती हैं ज़ीनत के बचपन ...और पढ़े

3

जिन की मोहब्बत - भाग...3

"अब्बू ने देखा तो ज़ीनत बुखार से तप रही थीl ज़ीनत के अब्बू ने अपनी बहन को बुलाया वो में ही रहती हैं !कहा "l नुरी तुम ज़ीनत का ख्याल रखना, में डॉक्टर को लेे कर अाता हूं l नूरी ने कहा l "जी भाईजान आप , फिक्र ना करे में ज़ीनत के पास ही बैठी हू ,आप जल्दी जाए...! अब आगे। जिन की मोहब्बत...3"डॉक्टर साहब जल्दी चलिए मेरी बच्ची को ना जाने क्या हुआ है l वो बुखार से तप रही है।"उसे होश भी नहीं की सुबह हुई है या ...और पढ़े

4

जिन की मोहब्बत.. - भाग 4

ज़ीनत ने सबा की अम्मी को कहा ।"खालाजान में घर जा रही हूं मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही आप सबा को बोल देना l"ज़ीनत वहा से चली गई...!अचानक उसका सिर भारी होने लगा..l कंधो पर बोज बढने लगा उससे वहां खडा भी न रहा गया.. l अब आगे। भाग 4"ज़ीनत घर जा रही थीl उसे कुछ ऐसा मेहसूस होने लगा जैसे उसका शरीर भारी हो रहा होl कोई अनदेखी चीज उसके शरीर में आने को है ।ज़ीनत घर जा कर अपने बिस्तर ...और पढ़े

5

जिन की मोहब्बत... - भाग 5

ज़ीनत की आंखो में जैसे उसे कुछ ओर ही दिखाई दियाlउसकी आंखे गुस्से से जैसे लाल हो गई थी सब देख रफीक ने सबा को बोलाl" सबा मुझे घर लेे चलो जल्दी सबा को सब कुछ अजीब सा लगाl कुछ बुरा होने वाला है..! जैसे कोई मुझे यहां रोक लेगा..! भागो जलदी यहां से घर..! " भाग 5सबा रफीक को घर ले आई ,लेकिन रफीक बहुत डरा हुए सा था l जैसे उसने कोई बुरी ताकत देख ली हो जैसे।ज़ीनत उसी बरगद के झूले पर बैठी ...और पढ़े

6

जिन की मोहब्बत - भाग 6

रफीक कुछ समझ ना नहीं चाहता है बस उसके सर ज़ीनत की खूबसूरत का बुखार चढ़ा हुआ था।रफीक ने को फिर से छुने कि कोशिश की उसने ज़ीनत को कंधे पर हाथ रखना चाहा उसे जैसे करंट का झटका लगा हो वो ज़ीनत से दूर जा गिर...! अब आगे। भाग 6सबा ने कुछ आवाज़ सुनी , और बाहर आई l देखा कि रफीक ज़मीन पर गिरा हुआ है।सबा ने आकर रफीक को उठाया l ज़ीनत भी पास में आई , कहा l "रफीक जी आप गिर ...और पढ़े

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जिन की मोहब्बत...- 7

गाड़ी वाले ने घबरा कर गाड़ी बीच सड़क में रोक दी ओर गाड़ी से उतर के भागा ।रफीक भी से बाहर निकल कर भागने लगा l पीछे खड़ा वो शक्श वहां से गायब हो चुका थाl रफीक ने पीछे पल्ट के देखा , कोई नहीं था वहां पर.. । उसका रोम रोम कांप रहा था...! अब आगे। भाग 7रफीक बहुत डरा हुआ था l उसे कुछ सूझ नहीं रहा था कि वो करे तो क्या ?वहां से निकलने की कोशिश करने लगा उसे वहां ...और पढ़े

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जिन की मोहब्बत... - 8

ज़ीनत ने उसे तसल्ली देते हुए कहा तू रोना बंद कर हो सकता है वो कहीं ओर किसी काम चला गया हो।सब ठीक हो जाएगा तू ज़्यादा ना सोच एक।दो दिन में आजाएगा ।चल अब आंसू पहुच ओर मुस्कुरा देे अब सबा को समझा के ज़ीनत ने तसल्ली देे दी लेकिन वो खुद फिक्र में डूब गई ।रफीक जी गए तो कहा गए बिना बोले? अब आगे। भाग 8ज़ीनत सोचती चली जा रही थी तभी उसे कुछ मेहसूस हुआ, जैसे उसके साथ कोई ...और पढ़े

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जिन की मोहब्बत.. - 9

नूरी उसके पास ही रह गई l ओर उसे समझाने लगी ज़ीनत यहां कोई नहीं है तू डर मत घर में कोई आया था क्या जिसे तूने देखा ..? ज़ीनत बताओ मुझे ..? कोन था जो तुझे परेशान कर रहा है?"ज़ीनत कुछ भी नहीं बताना चाहती थी वो तो उस बात को याद भी नहीं रखना चाहती थी कि उसने देखा क्या ? अब आगे। भाग 9ज़ीनत नूरी से साथ पूरी रात ऐसे पकड़ के सोई जैसे जैसे उसे कोई उठा न लेे जाएगा!"उसका ...और पढ़े

10

जिन की मोहब्बत... - 10

सबने बहुत कहा ज़ीनत आंखे खोलो बेटा यहां कुछ नहीं है वो एक ही बात चिल्ला चिल्ला के बोल थी...!इसे मुझे बचाओ इसे भगाओ यहां से मुझे इससे डर लगता है..!सब लोग हैरान थे कोन है जिसे ज़ीनत डर रही हैं...? अब आगे। भाग 10"ज़ीनत की हालत देख नूरी अपने भाई के पास आई और बोली ।"भाई जान हमे जीनत को किसी अच्छे अालीम साहब के पास लेकर जाना चाहिए उसकी हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही हैे ।नूरी के (पति) आतिफ के पापा ...और पढ़े

11

जिन की मोहब्बत... - 11

जिसे उस अनदेखी ताकत को कुछ दिन दूर रखा जा सकता है।ख़तम नहीं किया जा सकता ! वो बस से दूर रहेगी उसके करीब नहीं आएगी । उसके हाथ पे ये ताबीज़ बांध देना जब तक ये उसके हाथ पर रहेगा वो हवा ज़ीनत से दूर रहेगी लेकिन खयाल रहे शादी कि पहली रात जब ज़ीनत ओर उसका पति हम बिस्तर हो जाएं उससे पहले ताबीज़ ना उतरे हाथ से..! भाग 11ज़ीनत को घर ले आए और वो ताबीज़ उसके सीधे हाथ पर बंधा गया ...और पढ़े

12

जिन की मोहब्बत... - 12

"अलीम साहब ने कहा वो साया ज़ीनत से दूर हो कर बहुत गुस्से में हैं।वो किसी भी हद तक सकता है आपको दुआए गंजूल "अर्श का वजीफा करना होगा 40 दिन अपने घर में..! अब आगे । भाग 12नूरी घर आकर अपने पति को सारी बाते बताती है जिसे नूरी का पति डर जाता है ।ओर बोलता है कि ज़ीनत की शादी तक हमे बहुत साभाल के रहना होगा ।आज ज़ीनत को हल्दी लगना शुरू की गई ज़्यादा नहीं बस घर वाले हल्दी की रस्म ...और पढ़े

13

जिन की मोहब्बत... - 13

"शान अपनी अम्मी के पास पूरी रात बैठा l उनको सुलाने की कोशिश करता रहा। लेकिन वो इतनी डरी थी कि उनकी आंखो में नींद का नाम नहींl बस आंसू निकलते रहे थे l यहां शान ज़ीनत की फिक्र में था कि "ज़ीनत क्या सोचती होगी पहली रात उसे अपने रूम में अकेले बिताना पड़ रही है? "यहां शान को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि कोन है जिसने जानवर को खाकर घर में फेक दिया...? अब आगे। भाग 13 "इस तरह पूरी रात गुजर गई ज़ीनत ओर शान की सुहाग रात इंतजार कि रात बन ...और पढ़े

14

जिन की मोहब्बत... - 14

कुछ दिन से ज़ीनत से दूर हो कर बहुत बेचेन ओर गुस्से में था ।"अब शान ज़ीनत को इस छु रहा था कि ज़ीनत उसे आकर्षित होने लगी ।लेकिन एक दम से शान को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसे पीछे से पकड़ कर खींच कर ज़ीनत से दूर किया हो..! अब आगे । भाग 14शान अपने बेड से दूर जा कर गीरा l शान को कुछ समझ नहीं आया ।उसे लगा की ज़ीनत ने उसे खुद से दूर किया है शान गुस्से से ...और पढ़े

15

जिन की मोहब्बत... - 15

आप लोग अपना ख्याल रखना ज़ीनत से कहा अम्मी को किसी चीज की परेशानी ना हो ये तुम्हारी ज़िम्मेदारी ।शान घर से निकल गया पूरा दिन ज़ीनत बे चेन सी रही रात करीब 12:30 बजे गेट की आवाज़ हुई ज़ीनत पास गई और कहा कोन कोन है गेट पर..? अब आगे । भाग 15बाहर से आवाज़ आई l" ज़ीनत गेट खोलो में हूं..! आवाज़ सुनते ही ज़ीनत ने गेट खोला ।देखा तो गेट पर शान था l ज़ीनत शान को देख बहुत खुश हुई l और ...और पढ़े

16

जिन की मोहब्बत... - 16

"ज़ीनत ने पूछा क्या हुआ..?"गुस्सा क्यों हो मुझ से ? क्या किया मेने..?शान ने कोई जवाब नहीं दिया ज़ीनत थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा l"अब अम्मी का ख्याल नहीं रखुगी तो आपको भी बुरा लगेगा ना आपकी अम्मी जो है । अब आगे..! भाग 164 दिन ऐसे ही गुजरते गए शान ओर ज़ीनत एक दूसरे के प्यार में खोए जा रहे थे ।फिर एक दिन अचानक शान की अम्मी को एक कॉल आया l शान अम्मी के सामने ही बैठा था ।अम्मी कोल आया उसे सुन ...और पढ़े

17

जिन की मोहब्बत... - 17

शान ने आदिल से कहा l" में नहीं जानता कोन हो तुम ? ओर इतनी रात मेरे घर में आए हो ?निकलो मेरे घर से ! ज़ीनत शान का रवैया देख हैरान थी की शान अपने दोस्त को क्यू पहचान ने से इंकार कर रहा है....?"अब आगे..! भाग 17ज़ीनत हैरान थी l शान अपने दोस्त को क्यू नही पहचान रहा है ? उसे अजीब लगा शान का ये रवैया ।आदिल भी सोच में पड़ गया कि शान यहां कैसे हो सकता है ? फिर ...और पढ़े

18

जिन की मोहब्बत... - 18

शान - नहीं तो में तो तारे गिन रहा था ,अकेला बोर हो रहा था । तुम्हे मेरे लिए ही नहीं होता है जो तारो से बाते करता हुं ।ज़ीनत शान के प्यार को अनदेखा भी नहीं कर सकती थी ! वो उसे इतनी मोहब्बत करता था ।ज़ीनत उसकी मोहब्बत पे कैसे शक करती ? फिर भी उसे आदिल से मिलने की जिद्द थी..! अब आगे । भाग 18ज़ीनत ने शान से कहा lमुझे अब्बू के घर जाना है, आप इजाज़त दे तो अब्बू से ...और पढ़े

19

जिन की मोहब्बत... - 19

ओर तुझे पता है तेरी सहेली सबा के होने वाले पति का आज तक कुछ पता नहीं है । उस गाड़ी वाला जो सबा के पति को लेकर गया था यहां से गाड़ी में ।"कुछ दिन पहले वो खेतो में पागलों जैसे हालात में मिला उसके ज़ुबान पे एक बात थी । उसने ज़ीनत को छू लिया था वो जिन्नात उसे नहीं छोड़ेगा "सबने उसे पागल बोल कर भगा दिया वहां से..! अब आगे । भाग 19"सबने उसे पागल बोल कर भगा दिया ,लेकिन उसकी इस बात को सुन कर मुझे डर था कि तुम किसी मुश्किल में ...और पढ़े

20

जिन की मोहब्बत... - 20

ज़ीनत वहीं खड़ी देखती रही ! देखते ही देखते काले लिवास वाले आदमी ने दूसरे शक्स को ज़मीन में के बाल दफना दिया ।ओर कुछ ही पल में वो काले लिवास वाला आदमी दो कदम चलते ही चलते शान के लिवास ओर सूरत में तब्दिल हो गया ।ज़ीनत ये सब देख कर जैसे पथर बन गई ! उसके शौहर के रूप में एक जिन्नात था ? अब आगे...! भाग 20 ज़ीनत अपने आप पे काबू करती घर आ गई l अंदर जाकर रूम में सोने का ...और पढ़े

21

जिन की मोहब्बत... - 21

"अम्मी...बेटा उस जिन को पता चल गया था कि में शान के बारे में जान चुकी हूं उसने मुझे डरा दिया था कि ।"में कुछ नहीं बोल पाई उसने कहा शान को ज़िंदा देखना चाहती हो तो अपना मुंह मत खोलना ।"तभी से में बुत बान कर पड़ी हुई हूं अम्मी अब में क्या करू इसे कैसे बचा जा सकता है । अब आगे..! भाग 21अम्मी ने कहा "तू किसी पीर बाबा के पास जा उनसे सारी बाते बोल ,श्याद वो कुछ हमारी मदद करे ।"ठीक है ...और पढ़े

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जिन की मोहब्बत... - 22 - अंतिम भाग

ज़ीनत शान से दूर दूर हो कर बात कर रही थी शान उसके पास जाकर बोला । ज़ीनत क्या अब आगे..! भाग 22ज़ीनत शान से दूर हो कर बोली l"मुझे क्या हुआ है ये तुम नहीं जानते ..? हा बोलो, नहीं जानते ?शान उसे हैरानी से देख रहा था ।ज़ीनत ने कहा l"तुम मुझसे मोहब्बत करते होना..? मेरे बिना जी नहीं सकते ?में भी शान को अपने शौहर को इतनी ही मोहब्बत करती हूं वो मेरे लिए मेरी ज़िन्दगी है !"इतना कहकर ज़ीनत किचन में गई ...और पढ़े

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