प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!) 1 एक 16 साल की लड़की जो देखने में बहुत मासूम ओर खूबसूत थी ।उसे जो देखता बस देखता ही रह जाता! उसकी आंखो में अजीब सी बात थी।उसके गांव में बहुत
Full Novel
खेल प्यार का...भाग 1
प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!) 1एक 16 साल की लड़की जो देखने में बहुत मासूम ओर खूबसूत थी ।उसे जो देखता बस देखता ही रह जाता! उसकी आंखो में अजीब सी बात थी।उसके गांव में बहुत ...और पढ़े
खेल प्यार का...भगा 2
2 पार्टभाग 1 में अपने पढ़ा कि.........वसीम ओर उसका दोस्त दोनो कायनात और उसकी सहेली का इंतजार कर रहे ही कायनात ओर उसकी सहेली को आते देखा तो वसीम की आंखो में एक चमक सी आ गई! उनको पास आते देखा दोनो आगे बढ़े !सलाम दुआ की !वसीम ने कायनात से बात करने की कोशिश की लेकिन कायनात उसे नजरअंदाज करके अपनी सहेली के पिछे जा खड़ी हुई ।क्यू कि कुछ हद तक कायनात वसीम के इरादे समझ गई थी ! फिर भी वो वसीम से दूर दूर सी थी! क्यू की काफी हद तक कायनात भी वसीम को ...और पढ़े
खेल प्यार का...भाग - 3
खेल प्यार का....भाग 3प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!)(भाग 2 में अपने पढ़ा की वसीम कायनात का हाथ पकड़ के अकेले में ले जाता है।..)"वसीम ये क्या कर रहे हो ..?कायनात डरते हुए कहा!वसीम ने उसे चुप करते हुआ बोला!आज तुम्हे मेरी बात सुना पड़ेगी..! कब से अपने ...और पढ़े
खेल प्यार का...भाग - 4
भाग 4प्रस्तावना.....कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है ! मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे..! देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती है..!मुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!)जेसे के अपने भाग...3 में पढा की वसीम ने कायनात को अपने बाहों में ले लिया था.....? 4वसीम ने कायनात को बाहों में ले लिया! और कायनात उसकी बाहों मैं शर्माती हुई ...और पढ़े
खेल प्यार का भाग - 5
खेल प्यार का...भाग 5प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!जैसे के अापने भगा 4 में पढा कि पहली बार का मिलन कायनात को पागल कर रहा था..! वैसे ही वसीम का हाल भी कुछ ऐसा ही था....!अब आगे )वसीम ओर कायनात की बड़ी मुश्किल से रात गुजरी!सुबह होते ही ...और पढ़े
खेल प्यार का... भाग 6
प्रस्तावना.....कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है ! मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे..! देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती है..!मुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!) खेल प्यार का भाग 6भाग 5 में अपने पढ़ा की कायनात ओर वसीम के बीच संबंध बढ चुके थे ,जो कि मां बाप का भरोसा तोड़ने वाली ...और पढ़े
खेल प्यार का...7
कायनात मुस्कुराते हुए बोली!"तुम बहुत पागल हो! हर बार मेरे पास रहने का सोचते हो!"वो प्यार में अंधी कुछ ही नही पाई कि उसके साथ अब क्या होने वाला है... अब आगेखेल प्यार का...भाग 7वसीम अब कायनात के अकेले जाने के लिए उसका इंतज़ार करता है!कायनात को भी अच्छा नहीं लग रहा था! लेकिन वो वसीम के प्यार में इतनी अंधी हो चुकी थी कि उसे सही गलत नजर नहीं आ रहा था..!कायनात सोच में पड़ गई थी कि में कैसे जाउंगी ओर अम्मी बाबा को क्या बोलेगी! आने में लेट हो गई..? तो यही सवाल वो वसीम से ...और पढ़े
खेल प्यार का...भाग 8
(वसीम कुछ प्लान बना कर आया है वह वो हम सब समझ गए हैं लेकिन उसके इरादे क्या है आगे।)कायनात को रूम पर अकेला छोड़ कर वसीम कहा गया ? इसी फ़िक्र में कायनात परेशान हो रही थी !वो समझ ही नही पा रही थी कि ये सब हो क्या रहा है ?कायनात बार बार घड़ी की ओर देख रही थी ! ओर अब तो उसकी हिम्मत ही टूट गई! उसने सोचा में खुद ही घर चली जाती हूं ! लेकिन कैसे?दरवाज़ा बाहर से बंद जो था! निकल ना चाहती थी पर निकल ना पाई !कायनात बेड पर बैठ ...और पढ़े
खेल प्यार का...भाग 9
प्रस्तावना..... कहानी वसिम और कायनात की प्रेम 6कहानी है ! मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे..! देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती है..!मुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!) उसके बाबा की हालत भी खराब थी! अपनी ईक्लोती बेटी कहाँ गई ? क्यू गई? कुछ समझ नहीं आ रहा था ! दोनों का हाल बुरा था ! झार-झार रो रहे थे दोनों! फिर भी एक दूसरे को तसल्ली देते हुए बोल रहे थे ! हमारी कायनात को ...और पढ़े
खेल प्यार का... भाग 10
कायनात ने कहा आपने मुझे खरीदा है तो अपने पैसे क्यू बर्बाद करते हो अपना काम कर लो ! जाओ यहां से..! "तभी उस लड़के ने कहा !"मुझे कोई काम नहीं करना है ! में बस अपने दोस्तो के साथ आया हूं ! वो मुझे पहली बार यहां ले आए है ! लेकिन तुम फिक्र ना करो में कुछ गलत नहीं करुगा..! लेकिन में आज खुश हू की तुम मुझे मिल गई ! मेने तुम्हे ट्रेन में जब देखा था तब से मुझे तुम पसंद थी! लेकिन उस दिन तुम्हारे साथ वसीम था, जिसे तुम बहुत प्यार करती थी ...और पढ़े
खेल प्यार का... भाग 11
पिछले पार्ट मे हमने देखा.....आज़म ने कहा!"अभी तो बस मुझे कायनात की फिक्र है कि उसे किसी ओर को सौंप दिया जाए! जिसे उसे किसी और की हवस का शिकार होना पडे!मुझे रोज़ रात उसके पास रेहना है !जब तक कुछ सोच ना ले हम।"ठीक है बस जल्द ही कुछ करना होगा!सबने एक साथ कहा..!जैसा के अपने भाग 10 में पड़ा कि आज़म को कायनात की फिक्र थी बस की उसे किसी ओर के हाथो ना बेच दिया जाए...अब आगे..! ...और पढ़े