ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल की छुट्टी का समय हो रहा था। स्कूल के बाहर आइसक्रीम बेचने वाले आकर खड़े हो गए थे। एक काले रंग की वैन दो बार स्कूल के सामने से गुज़र चुकी थी। छुट्टी की घंटी बजते ही हर क्लास से बच्चे शोर मचाते हुए निकले। कुछ ही देर में स्कूल गेट पर बहुत चहल पहल हो गई। सब बच्चे ग्रुप बना कर स्कूल से बाहर निकल रहे थे। आपस में हंसी मज़ाक कर रहे थे। कुछ बच्चों को उनके अभिभावक लेने आए थे। कुछ वैन का इंतज़ार कर रहे थे। जो उन्हें रोज़ स्कूल छोड़ने और लेने आती थी। जो अपने आप ही आते जाते थे वह अपने साथियों के साथ घर जा रहे थे। पर उनमें से कई स्कूल के सामने वाली पट्टी पर खड़ी दो आइसक्रीम कार्ट्स के इर्द गिर्द जमा थे।
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तेरी मेरी यारी - 1
(1)ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल की छुट्टी का समय हो रहा था। स्कूल के बाहर आइसक्रीम बेचने वाले आकर खड़े हो थे। एक काले रंग की वैन दो बार स्कूल के सामने से गुज़र चुकी थी।छुट्टी की घंटी बजते ही हर क्लास से बच्चे शोर मचाते हुए निकले। कुछ ही देर में स्कूल गेट पर बहुत चहल पहल हो गई। सब बच्चे ग्रुप बना कर स्कूल से बाहर निकल रहे थे। आपस में हंसी मज़ाक कर रहे थे।कुछ बच्चों को उनके अभिभावक लेने आए थे। कुछ वैन का इंतज़ार कर रहे थे। जो उन्हें रोज़ स्कूल छोड़ने और लेने आती ...और पढ़े
तेरी मेरी यारी - 2
(2)दो दिन हो गए थे। करन की कोई खबर नहीं मिली। किडनैपर ने भी फोन नहीं किया था। मि. अपने बेटे के बारे में सोचकर परेशान थे। उनकी पत्नी मधुरिमा का बुरा हाल था। उन्होंने खाना पीना छोड़ दिया था। हर वक्त अपने बेटे करन को याद करके रोती थींं। करन की बहन सोनम भी अपने भाई की फिक्र में रोती रहती थी। मि. लाल के लिए उन दोनों को संभालन मुश्किल हो रहा था।खाने की थाली लेकर वह मधुरिमा और सोनम को खाना खिलाने के लिए गए थे। लेकिन उनके बार बार कहने पर भी ...और पढ़े
तेरी मेरी यारी - 3
(3)इंस्पेक्टर आकाश अपने केबिन में चिंतित मुद्रा में बैठे थे। वह समझ नहीं पा रहे थे कि क्या किया ? वह यह सोचकर परेशान थे कि उन्होंने तथा उनकी टीम ने पूरी सतर्कता बरती थी। फिर भी किडनैपर को ना जाने कैसे उनके वहाँ होने की भनक लग गई थी ?तमाम कोशिशें करने के बाद भी अभी तक उन्हें कोई सूत्र हाथ नहीं लगा था।घटना के संबंध में कबीर और अन्य लोगों के बयान उन्होंने कई बार पढ़े पर उससे भी आगे की कार्यवाही के लिए कुछ भी सुराग नहीं मिला। किडनैपिंग में प्रयोग गाड़ी का ...और पढ़े
तेरी मेरी यारी - 4
(4)करन के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था। मि.लाल भी कुछ बताने को तैयार नहीं इन सबके कारण कबीर परेशान था। करन उसका बचपन का दोस्त था। दोनों हमेशा साथ साथ रहते थे। एक ही स्कूल में पढ़ते थे। एक साथ ही स्कूल आते जाते थे।क्लास दो से शुरू हुई उनकी दोस्ती ग्यारहवीं क्लास तक आते आते बहुत मज़बूत हो गई थी। इतने सालों की दोस्ती में कई ऐसे पल थे जिन्हें याद कर कबीर करन के लिए और अधिक परेशान हो जाता था। दो साल पहले का एक ऐसा ही किस्सा था ...और पढ़े
तेरी मेरी यारी - 5
(5)सोनम से बात करने के इरादे से कबीर रीसेस के समय स्कूल के जूनियर सेक्शन में गया। उसने देखा सोनम सबसे अलग एक झूले पर उदास बैठी है। वह उसके पास जाकर बैठ गया। उसे देख कर सोनम की आँखें भर आईं। कबीर ने उसे समझाया,"रो मत सोनम... सब ठीक हो जाएगा।"सोनम ने रोते हुए कहा,"कब ? इतने दिन तो हो गए। पर करन भइया का कोई पता नहीं चला।"उसकी बात सुनकर कबीर बोला,"सच कह रही हो सोनम। मैं भी बहुत दुखी हूँ। मैं अंकल से मिला था। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया।"उसने सोनम की ...और पढ़े
तेरी मेरी यारी - 6
(6)कबीर के अपने घर जाने के बाद इंस्पेक्टर आकाश फौरन कंट्रोल रूम पहुँचे। उन्होंने मि.लाल के फोन की लोकेशन करने को कहा। पर यह जानकर वह और भी चौंक गए कि फोन की लोकेशन तो उनके घर में ही दिखा रहा है। उन्होंने सोचा कि कहीं कबीर से कोई गलती तो नहीं हो गई। हो सकता है कि सोनम ने ही कुछ गलत सुना हो।फिर अगले ही पल उनके मन खयाल आया कि मि.लाल अपना फोन जानबूझ कर घर पर छोड़ गए होंं। लेकिन आजकल बिना फोन लिए कोई बाहर कहाँ जाता है। वो भी ...और पढ़े