कोई अप्सरा की भांति गजब का नूर थाउसके चहेरे मे! और उस नूरानी चहेरे ने खलिल के दिलो दीमाग मे एसी खलबली मचाई की आखिर उस नूरेनजर को अपनी नजरो का सुकून बना लिया ! रात काफी हो चुकी थी! अबतक खलिल को अपने दोस्तों ने नहीं छोडा था! सब तरह तरह की उससे माँगे कर रहे थे!
Full Novel
जिन्नात की दुल्हन-1
कोई अप्सरा की भांति गजब का नूर थाउसके चहेरे मे! और उस नूरानी चहेरे ने खलिल के दिलो दीमाग मे खलबली मचाई की आखिर उस नूरेनजर को अपनी नजरो का सुकून बना लिया ! रात काफी हो चुकी थी! अबतक खलिल को अपने दोस्तों ने नहीं छोडा था! सब तरह तरह की उससे माँगे कर रहे थे! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन-2
उसकी जगह कोई और उसके खुबसुरत बदन को आज मजे से लूट रहा था। खलिल कितना बेबस था कि उस को देखने के अलावा वो कुछ कर भी तो नहीं सकता था। वो सारी रात करवटे बदलता रहा। गुलशन को छू ने का अब उसमे हौसला नही था। सारी रात उसने वो नजारा देखा। गजब की बात थी। ना गुलशन थकी थी ना उससे रातभर खेलने वाला। खलिल रातभर नही सोया। जब सूब्हा चार बजे गुलशन थककर चूर हो गई। अपने बदन को ढीला छोड़कर चहेरे पर परम तृप्ति और दर्द मिश्रित भाव लिए गुलशन इत्मिनान से अन्जान बनकर सोई थी। शायद उसको वो भी पता नही था की उसके सारे ख्वाब उसकी जिंदगी मे आई बेहतरीन रातने छीन लिये थे। एक ही रातमे उसने अपने जिगर के टूकडे को कोसो दूर कर दीया था। उससे ये अन्जाने मे ही हुवा सही मगर बहोत तकलिफ हुई थी खलिल को तब खलिल ने हिम्मत जुटाई। ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन-3
खलिल का दिल भी जैसे उससे बगावत पर उतर आया था! भीतर उठे जंजावात को दबोच कर खलिल बाहर के रुम के स्नानागार में घूसकर खलिल ने स्नान किया! दबे पाँव वहाँ से निकल रहा था तो सुलतान ने उसे देख लिया..! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन-4
उस दीन बडी जोरो से बारिश हो रही थी रुकने का नाम नहीं ! बारिश में भीगना गुलशन को ठीक लगता था वो चिपके से बरामदे में बैठकर मनहर उधास की गजले सून रही थी ! कि तभी उसके मोबाइल की रींग बजी! जिया का नेईम स्क्रीन पर स्पार्क हो रहा था! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन-5
अपनी बेड पर गुलशन बीलकूल निर्वस्त्र पडी थी! उसके दोनो हाथ किसीने जकड रखे हो ईस तरह उपर की और हूये थे! दोनो पैर भी विरुध्ध दिशा मे फैले थे और उन पैरो मे हल्की हल्की हिलचाल थी! गुलशन दर्द से बार बार कराह रही थी उसके होठ बार बार खुल रहे थे सिकूड रहे थे! उन्हे समजते देर न लगी की गुलशन के साथ क्या हो रहा था! उसके बिस्तर पर गुलशन के साथ जरुर कोई था ! वो किसी साये के साथ हम बिस्तर थी..! या अल्लाह..! उनके मुख से दर्द निकला जैसे! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन-6
वरना तेरा भी हश्र यही होगा..! बोल करेगी ना पूरी मेरे दिल की तमन्ना.. उसके बोलने का तरीका सपाट ईतना सख्त था की वो मना नही कर पाई उसने अपनी मूडीं हिलाई। वह अपनी बेबसी पर रोने लगी थी! अब उसकी कोई मदद नही कर सकता था! अब उसकी लाईफ उसके लिये अभिशाप बन चूकि थी! एसा अभिशाप जिसने उनकी सारी खुशिंयाँ को तबाह कर दिया था! उनके जीवन मे थी सिर्फ चिखे.. कानो के परदे चीरने वाली गूंजे.. जो सिर्फ उन्हे सूनाई दे रही थी। कभी सोचा नही था उन्होने की ये दिनभी देखना पडेगा ! तू मुजे खुश रखेगी तो तेरी जिंदगी मै बख्श दुंगा..! बस तु अपनी बेटी को शादी के लिये तैयार कर.. मै अपना मकसद पूरा कर लूंगा..! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन-7
लेकिन प्रेम कहानी तो ईस हादसे से पहेले शूरू हो चूकिथी! जिसका जराभी अंदेशे से गुलशन की माँ अलिप्त थी! वैशाखी का तपता हवामान शरीर को जला रहा था! गरमी का मोसम उसके लिए हमेशां त्रासदायक था! शहेरो के मुकाबले गांव का विकास मंद है फिरभी गांव बडे बडे कस्बो मे बदल रहे थे! गुलशन को उसने पहेली बार कोलेज मे देखा था! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन-8
अगले पार्टमे हमने देखा की जिन्नात गुलशन केपिता की हत्या कर देता है और गुलशन की माँ को डराधमकाकर बात मनवाने को राजी कर लेता है धर मे रोने का नाटक करके वो सबको यकिन दिलाती है कि अपने पति की अचानक मोत हो गईदुसरी और गुलशन को अकेली देख उसको खलिल लिफ्ट ओफर करता है.. अब आगे*** *** *** *** *** **** ****** गुलशन ने अपने अकडू मिजाज मे खलिल को सूना दिया!"अगर मैं आपकि महेरबानी का ईनकार करू तो..? "तूम कर सकती हो..! मगर मै जानता हूं तूम ऐसा नही करोगी..!" खलिल ने भरपूर आत्मविश्वास से ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन - 9
जिन्नात गुलशन की अम्मी को बता रहा था!कि गुलशन कीसी लडके को जानती है जो उसे काफी पसंद करता है मुजे लडके के पेरेन्टसे् भी मिलना होगा ना..? "तब जिन्नात ने जिक्र किया कीलडके की माँ तुम्हारे पास बैठने आने वाली है उसके सामने यह बात रख देना..!वो मना नही कर पायेगी क्योकि वो दोनो पति पत्नी के लिये अपने बेटे की खुशी से बढकर कुछ नही है!"ठीक है..!" गुलशन की मा ने हामी भरीलडके की माँ को मिलने से पहेले अपनी देवरानी जेठानी को बुलाकर अपनी सेहत नादुरस्त है बताना..!सीने मे दर्द हो रहा है एसा बोलकर केहना ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन -10
(अगले पार्ट मे हमने रुक्साना के बारे मे पढा.. जिसे स्कुल के पिछे बंद पडे खंडहर जैसे कमरे अपनी सहेलीयां के साथ जाने की वजह से जिन्नात उस पर हावी हो जाता है... असगर से ये बाते सुलतान को जानने मिलती है... ..... अब आगे) 21 *************असगर के घर से सुलतान वापस लौटा तब उसके मन मे जो धुंध थी साफ हो गई थी!आईने की तरह सब कुछ साफ नजर आ रहा था!सायरा जी कुछ भी बताने से ईनकार कर रही थी.!मिन्स की वो काफी हद तक डरी हुई थी.!कही एसा तो नही की..? "सुलतान के दिमाग मे ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन -11
खलील घर लौटा!तब वो काफी परेशान था!घर में चौखट पर अम्मी चहल कदमी कर रही थी!खलील को देखते ही जान में जान आई !बोली- न जाने सब को क्या हुआ है जो मुझसे कोई बात भी करना नहीं चाहता? और बिन बताए ही घर से बाहर निकल जाते हैं सब? बताओ खलील कहां गए थे तुम सुबह से? तुम्हारे जाते ही गुलशन भी चली गई थी! और तुम्हारे पापा वह भी तो दबे पाँव निकल गए!समझ में नहीं आता कि किस फिराक में है वह..?"फिलहाल अम्मी के दिमाग में कोई परेशानी खलील डालना नहीं चाहता था! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन -12
बल्कि जब समझ में आता है कि कोई उससे इस कदर मोहब्बत करता है तो इंसान अपने मतलब के उसे यूज़ करने तक की धृष्टता करता है ! आज जिया ने भी वही किया.! मगर अमन इस वक्त जिया के कुछ काम आया! इस बात को लेकर काफी खुश नजर आ रहा था.! उसके जेहन में पास्ट में डूबे कुछ पलछीन झिलमिल होने लगे! जीया की सादगी पर वह मरता था! काफी दिनों से दिल में उठी बात से जिया को अवगत कराना था! दिन बीत रहे थे ! ऐसे उसे लग रहा था वह जिया को कुछ नहीं बता पाया तो पागल हो जाएगा! मर जाएगा! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन-13
श्याम का वक्त था..!सुल्तान के चेहरे पर 12:00 बजे हुए थे!उसे लग रहा था कि खलील की परेशानी का ढूंढ निकालेगा!मगर !उसकी यह सोच बचकानी साबित हुई थी.!खलील ने जब उसे आगाह करते हुए कहा! कि आप जिन्नात के रास्ते में रुकावट नहीं बनेंगे..!और मैं आपको खोना नहीं चाहता..!तब सुल्तान अपने आप को कितना लाचार समझने लगा.!चाह कर भी वह बेटे की मदद नहीं कर सकता था.!हर एक कदम पर जिन्नात निगाहे गड़ा कर बैठा था.!मगर फिर भी सुल्तान को खलील की बात अच्छी नहीं लगी.!अपने खून को इस तरह हालात से जूझता हुआ सुल्तान नहीं देख सकता ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन -14
बहोत ही शातिर दिमाग पाया था उसने..!गुलशन को उपर के एक कमरे मे धर दबोचा.!खलिल की अम्मीके शरीर सहारा लेकर सुलतान को ध्वस्त करने उसने अपनी चाल चली थी!एन वक्त पर खलिल के सामने सुलतान प्रकट न हुआ होता तो जरुर जिन्नात कामियाब हो जाता!अपनी बाजी पलटते देख कर वो क्रोधित हो उठा!वैसे जिन्नात दुगनी चाल चल रहा था!अपनी वैशी ताकत और दरिंदगी के आगे दोनो बाप बेटे को घूटने टेकने पर मजबूर कर देगा!ऐसे ख्याल से बार-बार चाल बदलकर वह सामने आ रहा था!जब उसकी चाल धरी की धरी रहे गई तो वो और अधिक आक्रमक हो ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन -15
लखनपुर आते ही हम आपको नींद से जगा देंगे..! उसने अपनी समंदर से भी गहेरी आँखे अमन पर पता है अमन.! हमारी लाईफ मे खलिल न होते तो हम आप पर जान कुरबान कर देते..! जिया ने भावुक होकर ईतना कहा था!अमन का दिल मानो तर हो गया! बस मुजे सबकुछ मिल गया जिया..! अमन बोला था मुझे रब से या आपसे कोई शिकायत नही अब..! आप के दिल मे जरा सी जगह पा ली उससे बडी दौलत हमारे लिये कोई नही है..! अब जिंदगी आसान हो गई..! प्लीज आप सो जाओ..! अमन ने बीना झिझक जिया की आँखो पर हाथ रखा! जिया ने पलके झुका ली थी.! जिया की नजदिकियां से अमन को सूकुन मिला था.. ! ...और पढ़े
जिन्नात की दुल्हन - 16
जिया का मन घृणा से भर गया था! दूर-दूर काले घने अंधेरे में वह पेड़ डरावना नजर आ रहा पर एक लंबी पंखों वाला बडा पक्षी बैठने की नाकाम कोशिश कर रहा था!क्योंकि वृक्ष पर कुछ था जो उस पर बार-बार झपट रहा था!न जाने क्यों एक पल के लिए जिया को लगा जैसे वह डरावना पक्षी उनका ध्यान भंग न करना चाहता हो..? पर अब जिया रुकने वाली नहीं थी!मन में ठान कर उसने अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाए!अमन की हार्टबीट काफी बढ़ गई थी!मौत से डर कर पीछे हटने वालों में से जिया नहीं थी! हॉस्पिटल ...और पढ़े