श्रेष्ठ हिंदी कहानियाँ पढ़ें और PDF में डाउनलोड करें होम कहानियां ट्रेन्डिंग हो रहे हैं फ़िल्टर: श्रेष्ठ हिंदी कहानियां श्रापित एक प्रेम कहानी - 24 द्वारा CHIRANJIT TEWARY 258 वर्शाली धीरे से कहती है--- वर्शाली :- मैं यहाँ बस आपके लिए आई हूं। वर्षाली की बात सुनकर एकांश हड़बड़ा कर कहता है। एकांश :- क क्या .... क्या ..? क्या कहा ... चंद्रमुखी द्वारा Raj Phulware 282 चंद्रमुखी अध्याय 1 – अंबरलोक की अप्सराअनंत तारों के बीच, एक रहस्यमयी ग्रह था — अंबरलोक।यह ग्रह अपने सौंदर्य, रहस्य और कठोर नियमों के लिए पूरे ब्रह्मांड में प्रसिद्ध था। ... पवित्र बहु - 1 द्वारा archana 2.5k एपिसोड – पवित्र बहूरात गहरा चुकी थी। चाँदनी खिड़की से भीतर गिर रही थी, लेकिन कमरे के माहौल में एक अनकही बेचैनी थी।चित्रा की नींद गहरी थी, चेहरे पर ... तेरे मेरे दरमियान - 45 द्वारा CHIRANJIT TEWARY 81 विकास कहता है ---विकास :- ये क्या बनाकर लाई हो जानवी । छी : इसे खाना और जहर खाना एक जैसा है ।जानवी कॉफी को एक सिप पिती है ... अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 9 द्वारा Nirali Ahir 1.1k प्रीतम नीलिमा के जवाब का इंतजार कर रहा था,पर नीलिमा अब भी कुछ नहीं बोल रही थी तभी अंधेरे में से आकाश की आवाज आई हा बोल दो नीलिमा ... अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 10 द्वारा Nirali Ahir 786 नीलिमा दरवाजे की ओर बढ़ी और उसने धीरे से दरवाजा खोला,बाहर एक लड़का खड़ा था स्टाइलिश कपड़े, स्टाइलिश जूते,आंखों पे काले गॉगल्स ओर हैंडसम। तनु तू ? इसे ... अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 11 द्वारा Nirali Ahir 738 रेस्टोरेंट में खाना खाया और फिर कुछ देर बाते की। तन्मय ने घड़ी में देखा और बोला दीदी आकाश हमे अब चलना चाहिए बातों ही बातों में 9:30 बज ... Mafiya Boss - 6 द्वारा PAYAL PARDHI 798 रेशमा (थोड़ी सी कंफ्यूज होते) - नेहा ?तुम्हें पता है ना की रास्ता सही जा रहा है ?कहीं हम भटक गए तो?नेहा- नहीं !!हम सही जा रहे है, बस ... तुमसे मिलने की छुट्टी - 10 द्वारा soni 492 “जब हौसले काँपे… और फैसले पुख़्ता हुए” सुबह की शुरुआत बेचैनी से हुई।जिया ने आँखें खोलीं तो दिल में अजीब-सा डर था—जैसे आज कुछ बदलने वाला हो।आर्या पास ही ... दिल का रिश्ता - 4 द्वारा soni 547 शादी बाद की ज़िंदगी नया घर, नए रिश्ते, और नई शुरुआत शादी की रस्में खत्म हो चुकी थीं,लेकिन Raj और Anushka की असली कहानीअब शुरू हो रही थी।पहली सुबह ... बेजुबान इश्क -6 द्वारा soni 459 (शादी — खामोशी का सबसे सुंदर इज़हार)सुबह की हल्की धूपघर की खिड़कियों से छनकर अंदर आ रही थी।आज घर में शोर था—ढोल, शहनाई, हँसी, रस्में…पर इस शोर के बीचएक ... मारिया द्वारा Vikash Kumar (1.8k) 11.2k यहां हमें विश्वास के साथ-साथ सपने बेचना भी सीखना था जो सपना मुझे या मेरे जैसों को दिखाकर समाज, घर-परिवार से हमारे संपर्क हमारे रिश्ते तोड़ दिये गये थे ... Adhura sach...Siya द्वारा fiza saifi 492 ज़िंदगी में कभी-कभी ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं जो हमारी अक़्ल और समझ से बाहर होती हैं। आप मानें या न मानें, लेकिन उन बातों को नकारा नहीं जा ... श्रापित एक प्रेम कहानी - 6 द्वारा CHIRANJIT TEWARY 1.6k सत्यजीत :- एकांश गिरी ने फोन किया था। वो धापा लेकर आ रहा है। सत्यजीत की बात सुनकर एकांश अपने माथे पर हाथ रख के कहता है। एकांश :- हे भगवान ... एक शादी ऐसी भी - 3 द्वारा Black Heart (22) 513 इतना कह बॉडीगॉर्ड तुरंत चुप हो जाता हैं और वो भी एक चेयर खींच उस पर बैठ जाता हैं। जिया का खाना हो जानें के बाद जिया उस बॉडीगार्ड ... एक शादी ऐसी भी - 2 द्वारा Black Heart (43) 966 बॉडीगार्ड की बात सुन जिया उस बॉडीगार्ड के साथ कोर्ट से बाहर चली जाती है।बॉडीगार्ड और जिया जब बाहर आ जाते हैं तो उनके सामने बही गाड़ी आकार रुकती ... एक शादी ऐसी भी - 1 द्वारा Black Heart (74) 2.3k मुंबई शहर के एक कोर्ट में एक लड़की रजिस्ट्रार के कमरे के बाहर बैठी थी। तभी कमरे के अंदर से किसी आदमी की आवाज आती हैं।आदमी " मिस जिया ... वो जो मेरा था - 15 द्वारा Neetu Suthar 1.7k "वो जो मेरा था..."एपिसोड – 15हवा में ठंडी नमी थी, मानो मौसम खुद उनके रिश्ते की हलचल को महसूस कर रहा हो। बारिश की हल्की बूँदें खिड़की पर गिर ... वो जो मेरा था - 14 द्वारा Neetu Suthar 1.7k "वो जो मेरा था..." – Episode 14---सांझ ढल चुकी थी। शहर की रोशनियाँ जैसे आसमान के तारे ज़मीन पर उतर आई हों। अराव अपनी कार धीमे-धीमे समुद्र किनारे ले ... वो जो मेरा था - 13 द्वारा Neetu Suthar 2.4k "वो जो मेरा था..." Episode 13 – काव्या का सबसे खतरनाक फैसला…1. रात का तूफ़ानमुंबई की वो रात बेचैन कर देने वाली थी।बारिश खिड़की पर लगातार थपथपा रही थी, ... वो जो मेरा था - 12 द्वारा Neetu Suthar 2.4k "वो जो मेरा था..." Episode 12 – जब समर ने पहला वार किया…1. सुबह की चुप्पीसुबह मुंबई का आसमान धुंधला था, बादल नीचा झुके हुए, जैसे शहर पर कोई ... वो जो मेरा था - 9 द्वारा Neetu Suthar 2.4k "वो जो मेरा था..." Episode 9 – जब काव्या ने पहली बार आरव के लिए लिखा…---कहते हैं, लिखने वाला हमेशा किसी के लिए लिखता है — चाहे नाम लिखे ... वो जो मेरा था - 7 द्वारा Neetu Suthar (12) 3.1k "वो जो मेरा था..." Episode 7 – Chapter Café में छुपा राज़---कभी-कभी कुछ ठिकाने सिर्फ मुलाक़ातों के लिए नहीं होते…वो अधूरी कहानियों की आख़िरी सांसें भी बन जाते हैं।काव्या ... त्रिशा... - 19 द्वारा vrinda 324 "भाभी यह गोल्डन बार्डर वाली लाईट पिंक कलर की साड़ी अच्छी लग रही है। और यह ज्यादा हैवी भी नहीं है मैं संभाल भी लूंगी और ज्यादा सिंपल भी ... लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी जहाँ से खुद को पाया - 2 द्वारा vikram kori 591 PART–2दिल्ली की सुबह गाँव की सुबह जैसी नहीं होती। यहाँ सूरज निकलने से पहले ही शोर शुरू हो जाता है। हॉर्न, भीड़, भागते कदम और बेचैन चेहरे। रेलवे स्टेशन के ... कुछ पल अनजाने से - भाग 2 द्वारा Gunjan Banshiwal (20) 435 तथ्या को परवरिश अपने भाई से मिली थी जिस कारण उसका सबसे ज्यादा लगाव अपने भाई समीर से ही था लेकिन यदि समीर के बाद तथ्या के जीवन में ... कुछ पल अनजाने से - भाग 1 द्वारा Gunjan Banshiwal (51) 1.2k सवा का महीन था। चारों तरफ हरी चादर पेड़ पौधों को ढके हुए थी । आकाश में काली घटाएं छाई हुई थी जिसके कारण बहुत अंधेरा सा लगता था।रह- ... तूफान के बाद प्यार और वापसी की कहानी द्वारा Meenakshi Mini 3.2k रिया और समीर की प्रेम कहानी कॉलेज के दिनों में शुरू हुई थी और परिवार की रज़ामंदी के बिना भी शादी के बंधन तक पहुँच गई. मुंबई जैसे महानगर ... एक अद्भुत अह्सास द्वारा Vijay Erry (15) 462 काशी : एक अद्भुत अह्सास लेखक : विजय शर्मा एरीशब्द संख्या : लगभग १५००सूरज अभी पूरी तरह उगा भी नहीं था कि गंगा के घाटों पर पहली नाव खेना शुरू ... मैं तेरे प्यार में पागल - 2 द्वारा Bharti 007 (22) 789 नंदीश संधु सिंह उस रात बंगले से निकल पड़ा आज वह सिर्फ़ एक पति नहीं था , वो वकील भी था और उससे भी ज़्यादा, एक सबूत को सुंघाने ...