Shubh Prem - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

शुभ प्रेम - 1

हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब , आशा है कि आप सब बहुत अच्छे और मस्त्त होंगे .

तो मेरे प्यारे दोस्त लौट आई है आपकी कोमल लेकर अपनी एक और नयी इंटरेस्टिंग और प्यारी सी स्टोरी लेकर जिसको मैने बहुत फील करके लिखा है . आई होप की आपको ये स्टोरी पसंद आये .

साथ ही साथ प्यारे प्यारे कमेंट लाइक भी करते जाना यार अब आप इतना सपोर्ट तो कर ही सकते हो दोस्तों क्यूंकि मेरे लिए मेरे रिडर्स ही सबकुछ है आप लोग मेरी फैमिली है जो मुझे हर कदम पर सपोर्ट करे .

तो चलिए दोस्तों चलते है अपनी कहानी की तरफ जिसका नाम है " शुभ प्रेम"

डिस्क्लेमर -

ये कहानी पुरी तरह से काल्पनिक है और इस कहानी में यूज किये गये किरदार और जगह का वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है |

अनिका ने गुस्से मे आकर मिहिर को एक थप्पड जड दिया और मिहिर से बोली तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छुने की तुम भूलो मत हमारी शादी बस नाम की शादी हैं | अनिका के अचानक पडे इस थप्पड़ से मिहिर मल्होत्रा गुस्से से भर गया और बिना कुछ बोले किचन से बाहर आकर बिना नाश्ता किये अपने आॅफिस चला गया | वही किचन मे खडी अनिका ने जब देखा कि मिहिर बस उसकी हेल्प कर रहा था क्योंकि अनिका की साडी की प्लेटस खुल गई थी जिसकी वजह से अनिका गिरने वाली थी तो मिहिर ने उसकी कमर पकड के साडी सही की | लेकिन अनिका ने बिना कुछ सोचे समझे थप्पड़ मार दिया जिसके बारे मे सोच सोच के अनिका भी अपसेट हो गई और वो सबको नाश्ता देकर अपने कमरे मे चली गई |

अनिका और मिहिर का रूम किसी फेमस फाइव स्टार होटल के रूम से भी सुन्दर और बडा था | पूरे रूम को महंगे पदो॔ से और बहुत ही प्यारी तरह से सजाया गया था | रूम मे एक तरफ बडा सोफा रखा हुआ था | अनिका अपनी चाय लेकर काउच पर जाकर बैठ गई और मिहिर के साथ हई अपनी शादी को याद करने लगी |

अनिका एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करती थी जब अनिका अपने यू जी के लास्ट ईयर मे थी तो उसके ना चाहते हुए भी उसकी सौतेली मा ने अनिका के पापा से बोलकर अनिका और उसकी सौतेली बहन रिया की शादी अपने दोस्त मिस्टर राम मल्होत्रा के दोनो बेटो से अपनी दोनो बेटियो की शादी कर दी | रिया की मा ने बडी ही चालाकी से रिया की शादी करण मल्होत्रा से करवा दी क्योंकि वो कम्पनी का अगला चेयरपस॔न था |

अनिका और मिहिर दोनो ही एक कॉलेज में थे और दोनो ही एक दूसरे को नापसंद करते थे | मिहिर और अनिका दो ने ही घरवालो के दबाब मे आकर शादी की थी |

आज दोनो की शादी को 6 महीने हो गये थे लेकिन दोनो एक रूम मे रहते हुए भी अलग थे |वो दोनो ही इस शादी को नही मानते थे लेकिन घरवालो के आगे हैप्पी कपल की तरह रहते है|

अनिका अपनी यादो से बाहर निकली और किचिन म जाकर खाने की तैयारी करने लगी | इसी बीच उसे मिहिर की याद आयी की आज वो बिना नाश्ता करे गया है अनिका ने सोचा कि कॉल करके मिहिर से पूछ लिया जाये कि उसने खाना खाया या नहीं | अनिका फोन लगाने ही वाली थी कि उसने मिहिर के साथ हुए अपने सुबह के झगडे की याद आ गई|अनिका ने कुछ सोचा और अपना फोन किचन केबिनेट पर रखकर खाना बनाने लगी | यू तो मल्होत्रा हाउस मे बहुत सारे सर्वेन्टस थे लेकिन अनिका आज खुद किचन मे मिहिर के फेवरेट छोले भटूरे बना रही थी उसने खाना पैक किया और कार मे बैठकर दिल्ली के मशहूर कम्पनी मल्होत्रा इंडस्ट्रीज पहुँच गई |अनिका ने लिफ्ट मे 20 फ्लोर बटन दबाया तो मिहिर के केबिन में चली गई |

केबिन में जाते ही अनिका ने देखा कि मिहिर विंडो से बाहर की तरफ देखते हुए किसी गहरी सोच में डुबा हुआ था | मिहिर अपनी शादी को याद करते हुए सोच रहा था था कि मिहिर ने अनिका के साथ शादी तो कर ली लेकिन कोई भी ये नही जानता था कि मिहिर अब भी अपने अतीत को भुला नही पा रहा था | मिहिर ये सब कुछ सोच ही रहा था कि तभी उसके कानो मे एक बहुत ही सॉफ्ट और जानी पहचानी आवाज आई | मिहिर ने पीछे पलट कर देखा तो यह अनिका थी |अनिका को देखते ही मिहिर का मुँह बन गया और वो अनिका से बोला अनिका तुम यहॉ कुछ काम था या अभी भी मुझे सुबह के लिए सुनाने आयी हो अगर ऐसा है त मिस अनिका कान खोलकर सुन लो मुझे तुम मे या तुम्हारे साथ टाइम बिताने मे कोई इंटरेस्ट नहीं हैं वो तो सुबह तुम गिरने वाली थी इस वजह से मुझे तुम्हे टच करना पडा सो प्लीज अब ये मत बोलना कि मै तुम्हे जान पूछकर टच कर रहा था |अपने दिमाग से ये बात निकाल देना कि हमारे बीच कभी कुछ होगा |कयोकि तु और मै दोनो ये बात अच्छी तरह जानते है कि हमारी ये शादी बस एक नाम की शादी है जो तुम्हारे पढाई पूरी होने के बाद खत्म हो जाएगी |

अनिका जो अब तक बिना कुछ बोले चुपचाप खडी मिहिर की बाते सुन रही थी | मिहिर की बात. खत्म होते ही अनिका ने कहा मिहिर मुझे भी कोई शौक नही है तुम्हारे आॅफिस आने का वो तो तुम सुबह गुस्से में बिना कुछ खाये आये तो मम्मी जी ने मुझे कहा कि मै तुम्हे टिफिन दे आऊ बस इस वजह से ही मै तुम्हारे आॅफिस आई थी | बाकी मुझे तुम मे और तुम्हारे लाइफ मे कोई इंट्रेस्ट नहीं है |मै भी भी अच्छी तरह जानती हू कि ये शादी बस एक समझौता ह जो जल्दी ही खत्म होने वाला है | और ये सब कुछ खत्म होने के बाद तुम अपने रास्ते और मै अपने | इतना बोलकर अनिका वहा से जाने लगी और बोली सुबह गुस्से में मैने थप्पड दिया उसके लिए सॉरी और मुझे पता था तुम मेरा सॉरी इतनी आसानी से नही मानोगे इस लिए मैने तुम्हारे फेवरेट छोले भटूरे बनाये है शायद इस से तुम मेरी सॉरी फील कर सको तो तुम अब ये गुस्से को साइड मे रख कर खाना खा लेना |इतना बोल के अनिका केबिन के बाहर जाने लगी तभी मिहिर ने उसका हाथ पकड लिया और बोला जिस अनिका को मै जानता हूँ उसने भी झगडे की वजह से खाना नही खाया होगा तो क्यो ना साथ ही खा ले और वैसे भी जहॉ तक मुझे पता है छोले भटूरे अनिका को भी बहुत पसंद है |मिहिर की ये बात सुनकर अनिका रुक गई और दोनो साथ है खाना खाने लगे|

अब आप सब लोग भी यही सोच रहे होंगे कि जो मिहिर और अनिका सुबह से झगड रहे थे और जो अपनी इस शादी को खत्म करने वाले वाले वही मिहिर और अनिका अब साथ बैठकर खाना खा रहे है और दोनो को एक दूसरे के बारे में जब इतना जानते है तो आखिर क्यों दोनो के बीच इतने झगडे है |क्या है इन दोनो के अतीत का राज ..........

जानने के लिए पढते रहिये " शुभ प्रेम "

गाइज देखो अगर आप प्यारे प्यारे कमेंट करेंगे और जितना ज्यादा डाउनलोड करोगे मैं उतनी ही जल्दी जल्दी एपिसोड डालूँगी. क्युकी मेरे एग्जाम चल रहे है और मैं आप सब की खुशी के लिए टाइम निकाल कर स्टोरी लिख रही हूँ तो दोस्तों थोड़ा मेरा भी हक़ है कमेंट ,लाइक और डाउनलोड पाने का . 😍😍😍

धन्यवाद

कोमल पटेल

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