कहानी "हट जा रे खड़ूस!" मुम्बई सेंट्रल स्टेशन पर शुरू होती है, जहाँ यात्री अपनी-अपनी ट्रेन का इंतज़ार कर रहे हैं। सुबह का समय है, शोर कम है और लोगों की संख्या भी थोड़ी है। कुली सामान ले जाने के लिए तैयार हैं और कुछ लोग अखबार पढ़कर देश-दुनिया की खबरें ले रहे हैं। तभी एक पागल सी दिखने वाली, उम्रदराज़ लड़की प्लेटफ़ॉर्म से वेटिंग हॉल में प्रवेश करती है। उसके कपड़े बहुत गंदे हैं और साफ-सफाई की कोई उम्मीद नहीं लगती। वह अपने दुपट्टे से अपने शरीर को ढकने की कोशिश करती है। इस लड़की का व्यवहार ऐसा है कि वह कुलियों के पास जाकर "गुड मॉर्निंग" कहती है। एक अधेड़ उम्र का कुली उसे पहचानता है और कहता है, "आ गई तू?" कहानी में स्टेशन का माहौल और उस लड़की की स्थिति को चित्रित किया गया है, जो समाज में उपेक्षित और दरिद्रता का प्रतीक है। हट जा रे खड़ूस! Qais Jaunpuri द्वारा हिंदी लघुकथा 5 1.4k Downloads 12.1k Views Writen by Qais Jaunpuri Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पाँच रुपए उसने अपनी सलवार के नेफ़े में ठूँस लिए और तसल्ली से अपनी कमीज़ नीचे सरका दी, ऐसे, जैसे उसने वो पाँच का सिक्का ज़मीन में गाड़ दिया है और अब किसी की नज़र उसपे पड़ने वाली नहीं. More Likes This 30 Minister with My Angel - 1 द्वारा Shantanu Pagrut नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी