नन्हा बंटी एक तीन साल का बच्चा है जो घर में उत्साह और खुशी का माहौल देखकर खुश है। उसे यह नहीं पता कि सब लोग क्यों उत्साहित हैं, लेकिन वह समझता है कि इस खुशी का केंद्र वह खुद है। उसकी मां, पिता और दादी भी खुश हैं, और बंटी को उनके प्यार और समर्थन से खुशी मिलती है। बंटी को नए कपड़े, जूते और अन्य सामान दिखाए जा रहे हैं, जो उसे बहुत अच्छे लगते हैं। वह स्कूल, प्ले स्कूल, और अन्य नए शब्द सुनता है, जो उसकी जिज्ञासा को बढ़ाते हैं। उसकी मां और दादी जब उससे स्कूल जाने के बारे में पूछती हैं, तो वह उत्साहित होकर हां में सिर हिलाता है। दादी उसे बताती हैं कि उसे पढ़ाई करके अपने पिता जैसा बड़ा आदमी बनना है, जिससे बंटी बहुत रोमांचित होता है। उसके पिता भी उसे स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बंटी अपने आसपास की खुशी और प्यार से भरा हुआ है और अपने भविष्य के सपनों के बारे में सोचता है। नन्हा बंटी Mirza Hafiz Baig द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5.1k 2.8k Downloads 9.6k Views Writen by Mirza Hafiz Baig Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बाल मनोविज्ञान का विश्लेषण करती एक कहानी । More Likes This ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana Middle Class Boy द्वारा Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 द्वारा M choudhary अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी