चमकौर का युद्ध, 22 दिसंबर 1704 को सिरसा नदी के किनारे लड़ा गया, जिसमें 40 सिखों ने 10 लाख मुगलों का सामना किया। इस युद्ध का नेतृत्व गुरु गोविंद सिंह जी ने किया, जो मुगलों की अधीनता स्वीकार करने से इंकार कर रहे थे। वजीर खान, जो मुगलों का नेता था, गुरु जी को पकड़ना चाहता था, लेकिन सिखों ने अपनी वीरता और आस्था से उसकी योजनाओं को विफल कर दिया। युद्ध के दौरान, सिखों को आनंदपुर से भागना पड़ा और जब वे सरसा नदी के किनारे पहुंचे, तो वहां बाढ़ आ गई। गुरु गोविंद सिंह जी ने कुछ सैनिकों को शत्रु से उलझाने और बाकी को नदी पार करने के लिए कहा। कई सिखों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन गुरु जी और कुछ सिख नदी पार करने में सफल रहे। इस युद्ध को सिखों की वीरता और धर्म के प्रति निष्ठा के लिए जाना जाता है। गुरु गोविंद सिंह ने इस युद्ध का वर्णन "जफरनामा" में किया है, जिसमें उन्होंने अपनी ताकत और साहस के बारे में लिखा। यह घटना सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
भारत : अतुल्य देश, अतुल्य इतिहास
Abhishek Sharma
द्वारा
हिंदी मानवीय विज्ञान
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विवरण
भारत की शिक्षा प्रणाली हमे वो नही पढ़ाती जो पढ़ाना चाहिए। कुछ खास और अविश्वसनीय बातें। एक युद्ध जहाँ सिर्फ 40 सिक्खो ने 10 लाख मुगलो को नाकोचने चबाने पर मजबूर कर दिया।
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