कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है जिसमें एक पंडितजी की मृत्यु और उसके बाद का चमत्कारिक पुनर्जीवन दर्शाया गया है। घटना लगभग 55-60 साल पहले की है, जब पंडितजी ठंड के मौसम में अपने घर के दरवाजे पर बैठे थे। अचानक उन्हें एक अजीब हलचल हुई और वे गिर पड़े। उनकी नातिन ने माँ को बुलाया, और देखते ही देखते गाँववाले इकट्ठा हो गए। गाँव के बुजुर्गों ने पंडितजी की जाँच की और उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके अंतिम संस्कार की तैयारी करने के बाद, जब उनकी चिता सजाई जा रही थी, तभी चिता में हलचल हुई। पंडितजी के बड़े बेटे ने देखा कि उनके पिता की पलकें उठ रही थीं और उनका चेहरा लाल था। उन्होंने चिल्लाते हुए गाँववालों को बताया कि पंडितजी जीवित हैं, लेकिन लोग डरकर भाग गए। यह घटना लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन गई क्योंकि पंडितजी ने बताया कि यमदूतों ने उन्हें लौटाया था। इस कहानी में जीवन, मृत्यु, और पुनर्जीवन के रहस्यमय पहलुओं को दर्शाया गया है। एक कहानी Vanrajsinh Zala द्वारा हिंदी लघुकथा 6.9k 2.1k Downloads 8.3k Views Writen by Vanrajsinh Zala Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कहानी More Likes This रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी