इस कहानी में मधुकर बाबू मई की कड़ी गर्मी में अपने काम से बाहर निकलते हैं। बैंक से बाहर आते ही, वह गर्मी से बचने के लिए ठंडी आम-पन्ना पीने के लिए ठेले पर रुकते हैं। वहाँ, वह एक युवक को देखते हैं जो एक लड़की को परेशान कर रहा है। मधुकर बाबू उस युवक को कड़क आवाज में रोकते हैं और पूछते हैं कि वह लड़की को क्यों तंग कर रहा है। इस प्रकार, कहानी मधुकर बाबू की गर्मी में एक ठंडा पेय पीते हुए और फिर एक लड़की की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ते हुए जीवन की थोड़ी सी झलक दिखाती है। यह गर्मी, सामाजिक जिम्मेदारी और इंसानियत के मूल्यों की बात करती है। हैलो अंकल Rajesh Kamal द्वारा हिंदी लघुकथा 3 35.3k Downloads 47.1k Views Writen by Rajesh Kamal Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण In modern age, what does relationship mean Where does humanity stand between all the complexities of life Read the story to decide if Mr. Madhukar was right or wrong. More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी