यह कहानी "गृहस्थ आत्मा" भूतो की सच्ची घटना पर आधारित है। कहानी में मुख्य पात्र, हुनेसरजी, एक मेहनती ट्रक ड्राइवर हैं, जो कोलकाता में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन एक रात जब वे ट्रक लेकर दिल्ली जा रहे थे, तो उनके खलाँसी सामू ने ट्रक चलाने का आग्रह किया। हुनेसरजी ने सामू को ट्रक चलाने दिया और खुद सो गए। सामू ने मस्ती में आकर ट्रक की गति बढ़ा दी, जिससे वह नियंत्रण खो बैठा और ट्रक एक पेड़ से टकरा गई। इस दुर्घटना में हुनसरजी की मृत्यु हो गई, जबकि सामू बच गया। सामू को अपनी गलती का गहरा पछतावा हुआ और उसने निर्णय लिया कि वह अपनी कमाई का आधा हिस्सा हुनसरजी के परिवार को देगा। अस्पताल से लौटने के बाद, उसने अपने सेठ को सारी घटना बताई। सेठ ने सामू को समझाया कि अब रोने का कोई फायदा नहीं है और उन्होंने हुनसरजी के परिवार की मदद करने का निर्णय लिया, लेकिन इस बारे में परिवार को तुरंत नहीं बताने का फैसला किया। यह कहानी जिम्मेदारी, पछतावे और परिवार के प्रति प्रेम को दर्शाती है। गृहस्थ आत्मा Vanrajsinh Zala द्वारा हिंदी लघुकथा 1.7k 1.7k Downloads 8.9k Views Writen by Vanrajsinh Zala Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गृहस्थ आत्मा More Likes This बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar वाह ! बेटा वाह ! - भाग 1 द्वारा H.k Bhardwaj 2050 – भविष्य की कहानी द्वारा Bikash parajuli महाराणा सांगा - भाग 11 द्वारा Praveen Kumrawat अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी