कहानी "अछूत" में, बच्चों की छुट्टियाँ चल रही हैं और रौनी एवं चिंकी अपने दोस्तों के साथ बोरियत महसूस कर रहे हैं। तभी उनकी माँ उन्हें बताती हैं कि उनके पिता आए हैं और पूरा परिवार सिटी-पार्क जाने वाला है। पार्क में पहुँचने के बाद, बच्चे खेलने में लग जाते हैं जबकि उनके माता-पिता लंच की तैयारी करते हैं। लंच के दौरान, रौनी एक आवारा कुत्ते को देखकर डर जाता है और उसे वहाँ से भगाने की कोशिश करता है। इसी दौरान, उसकी नज़र पेड़ के पीछे खड़े दो गरीब बच्चों पर पड़ती है, जो फटे कपड़े पहने हुए हैं। यह दृश्य रौनी के मन में एक असहजता और विचार पैदा करता है, जो समाज में विभाजन और भेदभाव का प्रतीक है। कहानी अंततः उस स्थिति को उजागर करती है जहाँ समाज में कुछ लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जबकि अन्य अपनी खुशियों में व्यस्त रहते हैं। अछूत Rajesh Kamal द्वारा हिंदी लघुकथा 9 2.5k Downloads 9k Views Writen by Rajesh Kamal Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण We all boast of living in a civilized society. We call ourselves humans but what we lack most is Humanity . Read this story to explore the hypocrisy in us. More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी