बारह राशियों और सप्ताह के दिनों के लिए अंक ज्योतिष में विशेष अंक निर्धारित हैं, जिनके आधार पर भाग्य और भविष्य का आकलन किया जाता है। राशिचक्र में बारह बराबर भाग होते हैं, जिनमें से प्रत्येक राशि सूरज के एक तारामंडल से संबंधित होती है। ये राशियां हैं: मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, और मीन। प्रकृति और सौरमंडल के अध्ययनों से पता चला है कि यह राशि चक्र 30 डिग्री के हिसाब से 12 भागों में विभाजित है, और ये तारा समूह ज्योतिष के लिए महत्वपूर्ण हैं। सूर्य के चारों ओर घूमते हुए पृथ्वी और ग्रह इन तारा समूहों से गुजरते हैं, जिससे इनकी महत्वपूर्णता बढ़ जाती है। हर राशि चक्र में जन्मा व्यक्ति पर राशि का प्रभाव पड़ता है। सूर्य का राशि चक्र में प्रवेश विभिन्न समय अवधि में होता है, जो पृथ्वी पर विभिन्न प्रभाव डालता है। सूर्य के राशि चक्र के बारह भागों के साथ, हमारे बारह महीने और सौर वर्ष बनते हैं, जो 21 मार्च से शुरू होता है। सूर्य के राशि में प्रवेश का समय विभिन्न पंचांगों में भिन्न हो सकता है। नंबर बोले, किस्मत खोले, भाग—तीन Astrovision द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 7 2.1k Downloads 6.3k Views Writen by Astrovision Category आध्यात्मिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बारह राशियों और सप्ताह के सभी दिनों के लिए अंक ज्योतिष के अनुसार अलग—अलग अंक निर्धारित हैं। इसके आधार पर भाग्य और भविष्य का आकलन जन्म की तरीख से प्राप्त होने वाले मूल अंक और भाग्य अंक के साथ किया जाता है। राशि और अंकों का क्रम: इसके अनुसार राशियों के अंक उनके स्वामी ग्रह के आधार पर तय किये गए हैं। इन ग्रहों का रशियों पर स्पष्ट और विपरीत दोनों तरह के प्रभाव पड़ते हैं। स्पष्ट प्रभाव जहां व्यक्ति के शारीरिक गुणों-अवगुणों से दिखता है, वहीं विपरीत प्रभाव उसकी मानसिक दशा और मनोविज्ञान को दर्शाता है। अंक और सप्ताह सामान्यतः एक माह में चार सप्ताह होते हैं और एक सप्ताह में सात दिन। इन सात दिनों पर रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार और शनिवार से संबंधित ग्रहों और अंकों का असर भी व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है, जो ग्रहों के परिणाम से होता है। सप्ताह के प्रत्येक दिन पर नौ ग्रहों के स्वामियों मंा से क्रमशः पहले सात का राज चलता है. जैसे- रविवार पर सूर्य, सोमवार पर चन्द्रमा, मंगलवार पर मंगल, बुधवार पर बुध, बृहस्पतिवार पर गुरु, शुक्रवार पर शुक्र और शनिवार पर शनि का प्रभाव रहता है। अन्तिम दो राहु और केतु क्रमशः मंगलवार और शनिवार के साथ संबंध रखते हैं। Novels नंबर बोले, किस्मत खोले आज के डिजिटल दौर की दुनिया में मेाबाइल नंबर से लेकर घर का नंबर, बैंक खाता नंबर, एटीएम पीनकोड नंबर, गाड़ी नंबर, बस नंबर, ट्रेन नंबर का महत्व बढ़ गया है।... More Likes This शब्दों का बोझ - 2 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR स्वामी प्रभुपाद द्वारा Ankit अलौकिक दीपक - 1-2 द्वारा kajal Thakur भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए - अध्याय 1 द्वारा parth Shukla एक औरत की ख़ामोश उड़ान - 1 द्वारा Mohini समरादित्य महाकथा - 1 द्वारा Kapil Jain श्री दुर्गा सप्तशती- आचार्य सदानंद – समीक्षा छन्द 1 द्वारा Ram Bharose Mishra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी