कहानी "प्रतिज्ञा" के इस अध्याय में लाला बदरीप्रसाद को दाननाथ का पत्र मिलता है, जो उन्हें आघात और अपमान का अनुभव कराता है। वह पत्र अमृतराय द्वारा लिखा गया है, जिसमें बदरीप्रसाद और उनकी बेटी प्रेमा का सम्मान नहीं किया गया है। बदरीप्रसाद को लगता है कि दाननाथ ने अमृतराय से पत्र लिखवाकर उनका अपमान किया है और उन्हें गुस्सा आता है। बदरीप्रसाद अपने क्रोध के कारण पत्र को फाड़ने की बात करते हैं और यह भी बताते हैं कि दाननाथ को खुद पत्र लिखने में शर्म आई है। बातचीत के दौरान यह पता चलता है कि बदरीप्रसाद को पहले ही दाननाथ से विवाह करने की इच्छा थी, लेकिन अब वह सोचते हैं कि प्रेमा को इस विषय में अपनी अनुमति देनी चाहिए। इस दौरान, बदरीप्रसाद यह भी स्वीकार करते हैं कि उनका एक मुसलमान लड़की से प्रेम हुआ था, और उन्हें उसकी याद सताती है। अंत में, वह प्रेमा को बुलाने और उसके विचार जानने का निर्णय लेते हैं, इस उम्मीद में कि प्रेमा प्रेम और कर्तव्य में संतुलन बना सकेगी। कहानी में परिवार, प्रेम और सामाजिक मानदंडों के बीच संघर्ष को दर्शाया गया है। प्रतिज्ञा अध्याय 7 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1.1k 2.9k Downloads 7.6k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रतिज्ञा उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी विधवा से शादी करना चाहता है ताकि किसी नवयौवना का जीवन नष्ट न हो। ..। नायिका पूर्णा आश्रयहीन विधवा है। समाज के भूखे भेड़िये उसके संचय को तोड़ना चाहते हैं। उपन्यास में प्रेमचंद ने विधवा समस्या को नए रूप में प्रस्तुत किया है एवं विकल्प भी सुझाया है। वे कमलाप्रसाद की दोस्ती से अमृतराय के खिलाफ जाने लगते हैं और उनकी निन्दा भी करने लगते हैं। अमृतराय अपनी जमीन -जायदाद बेचकर वनीता-भवन का निर्माण करते हैं जो विदधवाओं और अनाथ बालिकाओं का शरणालय है, उसके संचालन के लिए अमृतराय चन्दा वसुल करना चाहते हैं तो कमलाप्रसाद और दाननाध इसकी भी आलोचना करते हैं। Novels प्रतिज्ञा प्रतिज्ञा उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी वि... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी