पूर्णा अपने घर से निकलते समय बहुत दुखी होती है, क्योंकि उसने तीन साल इसी घर में बिताए हैं, जहाँ उसने सुख और दुःख दोनों का सामना किया। जब चार कहार उसके सामान उठाने आते हैं, तो वह अचानक रो पड़ती है और अपने घर को छोड़ने का दुःख उसे हृदय से चीर देता है। घर के हर कोने में उसकी मधुर यादें बसी हैं, और वह अपने पति की यादों में डूबी हुई है। संध्या को, वह अपनी महरी बिल्लो के साथ घर को छोड़ती है, मानो निर्वासित हो। इस बीच, देवकी और सुमित्रा के बीच एक अनबन चल रही है। देवकी को सुमित्रा का व्यवहार पसंद नहीं है और वह उसकी आलोचना करती रहती है, जिसे सुमित्रा द्वेष समझती है। सुमित्रा को पता है कि देवकी पूर्णा के प्रति आदर्श गृहिणी का सम्मान रखती थी, लेकिन अब उसके मन में वैसा कुछ नहीं है। पूर्णा ग्यारह बजे खिड़की से बाहर अंधेरे में अपने पुराने घर और यादों को देखती है, जिससे उसे अपने अतीत की सुंदरता का एहसास होता है। प्रतिज्ञा अध्याय 5 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2.6k 3.5k Downloads 9.7k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रतिज्ञा उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी विधवा से शादी करना चाहता है ताकि किसी नवयौवना का जीवन नष्ट न हो। ..। नायिका पूर्णा आश्रयहीन विधवा है। समाज के भूखे भेड़िये उसके संचय को तोड़ना चाहते हैं। उपन्यास में प्रेमचंद ने विधवा समस्या को नए रूप में प्रस्तुत किया है एवं विकल्प भी सुझाया है। लालाजी का पुत्र कमलाप्रसाद दुराचारी और लम्पट है। पूर्णा के सौंदर्य से वह चकित हो जात है और गलतनीति अपनाकर उसे पाने का प्रयास करते रहता है। वह जाल बिछाकर पूरणा को फॅसाना चाहता है और कई झूठी बातें कहकर उसका मन जीतने की कोशिश करता है। Novels प्रतिज्ञा प्रतिज्ञा उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी वि... More Likes This DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी