सुभाष चन्द्र बोस, जिन्हें नेता जी के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओड़िशा के कटक में हुआ। वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया। उनका "जय हिन्द" का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया, और "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी बहुत प्रसिद्ध हुआ। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि ब्रिटिश सरकार ने 1941 में उनकी हत्या का आदेश दिया था। नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को संबोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और बर्मा में ब्रिटिश और कॉमनवेल्थ सेनाओं के खिलाफ मोर्चा लिया। 21 अक्टूबर 1943 को उन्होंने आज़ाद हिन्द फौज की अस्थायी सरकार बनाई, जिसे कई देशों ने मान्यता दी। 1944 में आज़ाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा हमला किया और कुछ क्षेत्रों को मुक्त कराया। कोहिमा का युद्ध एक महत्वपूर्ण मोड़ था। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने महात्मा गांधी से विजय के लिए आशीर्वाद मांगा। नेताजी की मृत्यु के बारे में आज भी विवाद है, और उनके परिवार का मानना है कि वे 1945 में नहीं मरे। 2014 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने उनके लापता होने के रहस्य से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया। उनके पिता जानकीनाथ बोस एक प्रसिद्ध वकील थे और उनकी माता प्रभावती थी। प्रभावती और जानकीनाथ के 14 बच्चे थे, जिनमें सुभाष नौवें नंबर पर थे। सुभास चंद्र बोस Dholiya Mayur द्वारा हिंदी जीवनी 20 2k Downloads 7.2k Views Writen by Dholiya Mayur Category जीवनी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हम सुभास चंद्र बोस के जन्म और कौटुम्बिक जीवन, शिक्षादीक्षा से लेकर आईसीएस तक का सफर, स्वतन्त्रता संग्राम में प्रवेश और कार्य, कारावास और स्वतन्त्रता संग्राम में प्रवेश और कार्य के बारे में जानेंगे More Likes This श्री बप्पा रावल श्रृंखला - खण्ड-दो द्वारा The Bappa Rawal नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 2 द्वारा Shailesh verma श्री बप्पा रावल - 1 - तथ्यात्मक विश्लेषण द्वारा The Bappa Rawal नेपोलियन बोनापार्ट - विश्वविख्यात योद्धा एवं राजनीतिज्ञ - भाग 1 द्वारा Anarchy Short Story महाराजा रणजीत सिंह - परिचय द्वारा Sudhir Sisaudiya राजा महेन्द्र प्रताप सिंह: एक गुमनाम सम्राट - 1 द्वारा Narayan Menariya येल्लप्रगडा सुब्बाराव - 2 द्वारा Narayan Menariya अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी