चापेकर बंधु भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के महत्वपूर्ण क्रांतिकारी थे, जिन्होंने 1897 में महाराष्ट्र में फैली प्लेग महामारी के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया। ये तीन भाई थे: दामोदर, बालकृष्ण, और वासुदेव चापेकर। उनका साहस और बलिदान भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण है, लेकिन उनके योगदान को अक्सर भुला दिया गया है। चापेकर परिवार का मूल स्थान पुणे के पास एक छोटे गाँव चापा था, जहाँ उनके दादा विनायक चापेकर ने व्यापार के माध्यम से परिवार को समृद्ध बनाया। दामोदर का जन्म 1869 में हुआ, और वे अपने परिवार के साथ काशी की तीर्थ यात्रा पर गए थे, जो उनके जीवन का महत्वपूर्ण अनुभव था। चापेकर बंधुओं की कहानी स्वाधीनता संग्राम में उनके अदम्य साहस और बलिदान का प्रतीक है। चाफेकर बन्धु BALRAM AGARWAL द्वारा हिंदी जीवनी 5.3k 4.6k Downloads 28.8k Views Writen by BALRAM AGARWAL Category जीवनी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण महाराष्ट्र में पुणे प्रांत के निवासी दामोदर, बालकृष्ण और वासुदेव हरि चाफेकर को भारत के स्वाधीनता आन्दोलन में सशस्त्र क्रान्ति का अग्रदूत माना जाता है। इस रचना में उनके जीवन और संघर्ष की खोजपूर्ण सामग्री जुटाई गयी है। More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (2) द्वारा Ramesh Desai नकल से कहीं क्रान्ति नहीं हुई - 1 द्वारा Dr. Suryapal Singh अवसान विहीन अरुणेश द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी प्रेमानंद जी : राधा-कृष्ण लीला के रसिक साधक - 1 द्वारा mood Writer जगमोहन शर्मा (अविस्मरणीय) द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी Narendra Modi Biography - 1 द्वारा mood Writer मीरा बाई : कृष्ण भक्ति की अमर साधिका - 1 द्वारा mood Writer अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी