कहानी "आईसक्रीम पार्लर" में वैदिक और शर्मिष्ठा की दोस्ती का चित्रण किया गया है। शर्मिष्ठा को अपनी घुटने की चोट का निशान प्रिय है, जिसे वह अपने बचपन की यादों से जोड़ती है। वह आरेंज की आइसक्रीम खाना पसंद करती है, जो उसे खुशी देती है। वैदिक, जो शर्मिष्ठा का मित्र है, उसे आइसक्रीम के बाद कॉफी की दुकान पर जाने की आदत है। वह वहां एक महिला ऋतु से कॉफी और नमकीन खरीदता है, और उसके बेटे के लिए टॉफी भी खरीदता है। कहानी में दोस्ती, बचपन की यादें, और छोटे-छोटे सुखों का वर्णन किया गया है। आइसक्रीम पार्लर saksham dwivedi द्वारा हिंदी लघुकथा 12.9k 2.4k Downloads 10.5k Views Writen by saksham dwivedi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आइसक्रीम पार्लर स्त्री-पुरुष संबंध पर आधारित रोचक कहानी. More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी