होलिका की कहानी प्रहलाद और उसके बुआ के बीच के प्रेम और बलिदान की है। होलिका, जो हिरण्यकश्यप की बहन है, अपने भाई के अत्याचार और प्रहलाद के विरोध को देखकर चिंतित होती है। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को आग में जलाने का आदेश दिया, लेकिन होलिका ने एक योजना बनाई। उसने अपने अग्निरोधक शाल का उपयोग करते हुए प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर आग के बीच बैठने का प्रस्ताव रखा। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को, उन्होंने प्रहलाद को सुरक्षित रखने के लिए उसे अपने शाल में लपेटा और खुद को अग्नि में भस्म कर दिया। प्रहलाद आग से बच गया, जबकि होलिका ने अपने बलिदान से साबित किया कि बुआ का प्यार अनमोल होता है। इस बलिदान के कारण होलिका अमर हो गई और देवी का रूप धारण कर लिया। आज भी महिलाएँ होलिका का पूजन करती हैं, जबकि लोग अक्सर यह मानते हैं कि उसने अपने भाई के कहने पर प्रहलाद को आग में जलाने के लिए बैठाया था। होलिका का सच एवं दो लघु कथाएँ Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 20.9k 1.4k Downloads 7.5k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण होलिका ने अपनी प्राण देकर प्रहलाद की रक्षा कैसे की एवं दो अन्य लघु कथाएँ More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी