कहानी "जनपथ" में नरेंद्र और अमरेश की बातचीत पर केंद्रित है। नरेंद्र, जो एक जूस और फ्रूट चाट की दुकान चलाता है, नेताजी से 150 रुपये की मांग कर रहा है जो उसने उधार दिए थे। नेताजी, जो एक राजनीतिक दल के सदस्य हैं, पैसे देने से टालमटोल कर रहे हैं, यह कहते हुए कि उन्हें काम नहीं मिल रहा है और उन्होंने अन्य रेस्तरां में भी ज्यादा पैसे उधार लिए हैं। नरेंद्र अपनी मेहनत और कठिनाइयों का जिक्र करता है, यह समझाते हुए कि उसे पैसे वापस चाहिए क्योंकि उसे अपने ग्राहकों की सेवा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अंत में, नेताजी मजबूर होकर 150 रुपये देने के लिए तैयार हो जाते हैं, यह सोचते हुए कि उनके पैसे के कारण उनका बड़ा काम न बिगड़ जाए। कहानी में यह भी दिखाया गया है कि नरेंद्र की दुकान पर विभिन्न प्रकार के ग्राहक आते हैं, और वह अपने काम को खुशी से करता है। एक खूबसूरत लड़की के आने पर सभी लड़के उसकी ओर आकर्षित होते हैं, और कहानी में यह जिक्र होता है कि अमरेश उस लड़की से प्रभावित हो जाता है। कहानी में मेहनत, विश्वास, और सामाजिक स्थितियों की बारीकियों को दर्शाया गया है। जनपथ Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 20k 1.7k Downloads 4.8k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण इस कहानी के द्वारा दिल्ली के जनपथ का सटीक चित्रण More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी