"रोशनी का टुकड़ा" कहानी में अनिमेा नामक एक युवक की जीवन यात्रा को दर्शाया गया है। कहानी की शुरुआत सूरज की किरण के कमरे में प्रवेश करने से होती है, जो अनिमेा को अपने बचपन की यादों में ले जाती है। वह अपने परिवार के साथ इलाहाबाद के कटरा मोहल्ले में अपने बचपन के दिनों को याद करता है, जब वह और उसका दोस्त रमन सूरज की किरणों के साथ खेलते थे। समय बीतने के साथ, अनिमेा बेरोजगार हो जाता है और अपने लेखन के सपनों को पूरा करने में संघर्ष करता है। वह अपने परिवार से पैसे मांगने में शर्म महसूस करने लगता है, जबकि उसके परिवार वाले भी उसे पैसे देने में हिचकिचाते हैं। अनिमेा की स्थिति निराशाजनक होती जा रही है, लेकिन वह अपनी पहचान और सपनों के प्रति जागरूक है। कहानी अनिमेा की निराशा और संघर्ष की दास्तान को बयां करती है, जिससे वह अपने अतीत और वर्तमान के बीच का संबंध समझने की कोशिश करता है। रोशनी का टुकड़ा MB (Official) द्वारा हिंदी लघुकथा 3 1.4k Downloads 5.6k Views Writen by MB (Official) Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Roshni Ki Tukada - Abhinav Shukla More Likes This Chai ki Pyali - 1 द्वारा Mansi गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 1 द्वारा Amit Kumar HIDDEN BILLIONAIRE - 1 द्वारा Dhiru Shukla बेधड़क दरोगा जी द्वारा Devendra Kumar राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 1 द्वारा Soni shakya चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 द्वारा Sumit Sharma परिमल - 1 द्वारा Madhavi Marathe अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी