यह कहानी धार्मिक मान्यता के अनुसार सप्ताह के सात दिनों और उनके ग्रहों के प्रभाव पर आधारित है। प्रत्येक दिन एक विशेष ग्रह से संबंधित होता है, जैसे रविवार सूर्य, सोमवार चंद्रमा, मंगलवार मंगल, बुधवार बुध, गुरुवार गुरु, शुक्रवार शुक्र, और शनिवार शनि से जुड़ा होता है। भारत में दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है, जबकि पश्चिमी देशों में मध्य रात्री से। सप्ताह के प्रत्येक दिन का उपवास धार्मिक और मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। - **रविवार**: उपवास से स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि मिलती है। - **सोमवार**: चंद्रमा के प्रभाव से मानसिक शांति प्राप्त होती है। - **मंगलवार**: मंगल ग्रह की आराधना से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। - **बुधवार**: भगवान गणेश की उपासना से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। - **गुरुवार**: गुरु बृहस्पति के नाम उपवास से मानसिक मजबूती मिलती है। - **शुक्रवार**: इस दिन का विशेष महत्व है, हालांकि विवरण अधूरा है। इस तरह, सप्ताह के प्रत्येक दिन का विशेष महत्व है और व्रत-उपवास से रोग और समस्याओं से मुक्ति मिलने की मान्यता है। सौभाग्य से भरे सप्ताह के सात दिन sunita suman द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 3.2k 4.1k Downloads 13.1k Views Writen by sunita suman Category आध्यात्मिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अंग्रेजी के महीने में सामान्यतः चार सप्ताहों के सभी सात दिनों पर नौ ग्रहों में से किसी न किसी का राज चलता है। जैसे रविवार पर सूर्य का सोमवार पर चंद्रमा का, मंगलवार पर मंगल एवं राहू का, बुधवार पर बुध का, वृहस्पतिवार पर गुरु का, शुक्रवार पर शुक्र और शनिवार पर शनि एवं केतु का अधिपत्य बना रहता है। यानि कि जो नाम ग्रहों के हैं वही दिनों के भी हैं। दिन की शुरुआत पश्चिमी देशों में मध्य रात्री से होती है, जबकि भारतीय वैदिक दिन की शुरुआत सूर्याेदय से मानी जाती है। वैदिक ज्योतिष में दिन का अर्थ सूर्योदय से होता है। सूर्योदय से सूर्योदय तक के समय को एक दिन कहा गया है। कुछ विद्वानों ने इस समय को 60 भागों में बांटते हुए हर भाग का नाम घड़ी या घटी या घटिका रख दिया। जबकि दूसरे विद्वानों ने उसे 24 भागों में बांटकर प्रत्येक भाग का नाम घंटा रखा। सूर्यदेव को पूरी दुनिया में सिर्फ इस्लाम को छोड़कर ग्रहों का राजा माना जाता है। दिन के स्वामी का प्रभाव व्यक्ति के दैनिक कार्यकलाप पर भी पड़ता है और उसी के अनुरूप फल की प्राप्ति होती है। जैसे सूर्य व्यक्ति की शारीरिक स्फूर्ति और बाॅडी लैंग्वेज में संरचनात्मक असर को बढ़ाने वाला प्रभाव देता है, तो चंद्रमा दिमाग और गुरु घार्मिक एवं अध्यात्मिक मनोभावों को दर्शता है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर किया गया कार्य सहजता से पूरा होने के साथ-साथ लाभकारी भी होता है। More Likes This वेदान्त 2.0 - भाग 1 द्वारा Vedanta Two Agyat Agyani बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 76 द्वारा Maya Hanchate किसान क्या है हमारे देश के लिए द्वारा Poonam Kumari मंदिर, मूर्ति, धर्म और शास्त्र — एक नई दृष्टि - 2 द्वारा Vedanta Two Agyat Agyani कुण्डलिनी विज्ञान - 1 द्वारा Vedanta Two Agyat Agyani प्रदूषण पर निबंध द्वारा Poonam Kumari TAPASWI - CHAPTER 1 द्वारा Sagar Joshi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी