"भिखारी का बेटा" एक ऐसे कलाकार की कहानी है, जो भीख मांगने के बजाय अपने एक्तारे से गीत गाकर जीवन यापन करता था। गाँव के लोग उसे सम्मान से मदद करते थे, और वह अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीता था। उसका बेटा नरेश पढ़ाई में बहुत अच्छा था और उसने IAS की परीक्षा पास की। जब नरेश ने प्रशिक्षण के लिए मसूरी जाने का फैसला किया, तो उसके पिता महेश उसे प्रोत्साहित करते रहे। नरेश ने अपने माता-पिता को अपने पास बुलाया, लेकिन महेश को गाँव और अपने एक्तारे की याद सताने लगी। महेश ने एक बार फिर से एक्तारा बजाना शुरू किया। एक दिन, वह नरेश के कार्यालय के पास पहुँच गया, लेकिन सुरक्षाकर्मी ने उसे रोक दिया। जब सुरक्षाकर्मी ने नरेश को बताया कि एक अजीब व्यक्ति उसे मिलने की कोशिश कर रहा है, तो नरेश तुरंत बाहर आया और अपने पिता को पहचान लिया। यह कहानी पिता-पुत्र के रिश्ते और समाज में कलाकारों के प्रति सम्मान की बात करती है। bhikhari ka beta Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 61 2.5k Downloads 9.4k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण begger s son became an IAS who popularise his father also More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी