प्रदीप कृत लघुकथाओं का संसार, भाग-४ Pradeep Kumar sah द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Laghukathaon ka Sansar द्वारा  Pradeep Kumar sah in Hindi Novels
लघुकथाएँ
"तुमसे सलाह लेना ही मुर्खता है. पगला कहीं के...."कहते हुए रवि पुन: रोने लगा. मिलने का समय समाप्त हो गया था. प्रहरी उसे अंदर ले गया....

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