कहानी "बेटी" में कलुआ नामक व्यक्ति की चिंता और संघर्ष को दर्शाया गया है। एक ठंडी रात, जब उसकी पत्नी जमुनिया बच्चे को जन्म देने वाली होती है, कलुआ देवी से प्रार्थना करता है कि उसे बेटा चाहिए, बेटी नहीं। जब दाई बताती है कि उनके घर लक्ष्मी (बेटी) आई है, तो कलुआ को गहरा सदमा लगता है। वह अपनी बेटी के जन्म को एक बोझ समझता है और पड़ोस के लोगों की दहेज की समस्याओं के बारे में सोचता है। कलुआ का मन बेटी को छोड़ने का होता है, लेकिन जमुनिया अपनी बेटी की रक्षा के लिए दृढ़ रहती है और उसे नहीं देने के लिए तैयार हो जाती है। धीरे-धीरे, लक्ष्मी के प्रति कलुआ का दृष्टिकोण बदलने लगता है। वह अपनी बेटी को प्यार करने लगता है और उसकी मासूमियत को देखता है। कहानी सामाज में बेटियों के प्रति पूर्वाग्रह और पिता की बदलती सोच को दर्शाती है। beti Pranjali Awasthi द्वारा हिंदी लघुकथा 11 2k Downloads 10.4k Views Writen by Pranjali Awasthi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दहेज सामाजिक कुप्रथा है और समाज में महिलाओं की स्थिति रूढ़िवादी मानसिकता के तले दब कर दयनीय हो जाने का एक अहम कारण भी है इस वजह से लोग बेटी को कई बार वो वास्तविक प्रेम नहीं दे पाते जिसकी वो हक़दार होती है । More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी