"ढिबरी चैनल" एक व्यंग्यात्मक रचना है जो टेलीविजन चैनलों की वास्तविकताओं को उजागर करती है। लेखक विनोद विप्लव बताते हैं कि मीडिया समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन आजकल के अधिकांश अखबार और चैनल टीआरपी और विज्ञापन के पीछे भागते हुए अपनी मूल भूमिका से भटक गए हैं। इस रचना में "ढिबरी चैनल" की स्थापना का एक घोषणापत्र प्रस्तुत किया गया है, जो एक व्यंग्य के रूप में लिखा गया है। यहाँ एक परिवार द्वारा चैनल खोलने का निर्णय लिया गया है, जिसमें उनके पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ाने का उल्लेख है। चैनल का उद्देश्य समाज में मीडिया की भूमिका पर विचार करना और बदलाव लाना है। इसमें यह भी कहा गया है कि कई चैनल समाज के विकास में मदद कर सकते थे, लेकिन वे समाज के पतन का कारण बन गए हैं। लेखक का उद्देश्य चैनलों की आलोचना करना नहीं, बल्कि उनके कार्यों पर समाज में चिंतन करना है। Dhibri Channel Vinod Viplav द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 1 1.8k Downloads 7.7k Views Writen by Vinod Viplav Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ढिबरी चैनल मीडिया खासतौर पर टेलीविजन चैनलों की सच्चाइयों को उजागर करने वाली व्यंग्य रचनाओं का संग्रह है। आज के समय में मीडिया और टेलीविजन चैनलों की महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन आज ज्यादातर अखबार और चैनल आमदनी, प्रसार संख्या और टीआरपी बढ़ाने की अंधी दौड़ में शामिल होकर अपनी भूमिका से भटक गये हैं और ढिबरी चैनल में शामिल रचनायें उसी भटकाव को उजागर करती है। ढिबरी चैनल लिखने की मंशा चैनलों में शीर्ष पदों पर लोगों की आलोचना करने की नहीं है बल्कि, कोशिश यह है कि विभिन्न कारणों से टेलीविजन चैनलों और काफी हद तक अखबारों में स्थितियां बन गयी है या बना दी गयी है और आज के दौर में अखबार और खास तौर पर टेलीविजन चैनल जो भूमिका निभा रहे हैं उसे लेकर समाज में चिंतन हो और मौजूदा सूरते हाल में बदलाव हो। हालांकि कई चैनल अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं लेकिन अनेक टेलीविजन चैनल, जो देश और समाज के विकास एवं लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाने का अत्यंत कारगर माध्यम हो सकते थे, उन्हें काफी हद तक समाज के पतन का माध्यम बना दिया गया है। नोट — इस ईबुक में फोंट परिवर्तन के कारण कई स्थान पर चैनल के स्थान पर चौनल हो गए हैं। कृपया सुधार कर पढ़ें। More Likes This थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा pooja कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 द्वारा Roshan baiplawat समानांतर दुनिया - 1 द्वारा Mansi बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी