Prashno ki Potli book and story is written by Rewa Tibrewal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Prashno ki Potli is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. Prashno ki Potli Rewa Tibrewal द्वारा हिंदी लघुकथा 32 1k Downloads 4.6k Views Writen by Rewa Tibrewal Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 1. राखी (लघु कथा ) आज राखी है मुन्नी ने बोला भइया इस बार गुड़िया लूँगी ......पिछली बार भी आपने बहला फुसला कर कुछ न दिया था मुझे गणेश बोला इस बार पक्का और मुस्कुरा दिया , उसने फूल बेच कर रुपये जो जोड़ रखे थे। लेकिन दोपहर को मुन्नी को बुखार आ गया ,डॉक्टर और दवा के चक्कर मे सारे पैसे चले गए....... फिर भी उसने हार न मानी फिर से फूल बेचने निकल पड़ा , उसे विश्वाश था शाम के समय उसके सारे फूल बिक जाएंगे। और वो मुन्नी को प्यारी सी गुड़िया देगा। More Likes This True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS पाठशाला द्वारा Kishore Sharma Saraswat डिप्रेशन - भाग 1 द्वारा Neeta Batham मोहब्बत - पार्ट 1 द्वारा mohammad sadique सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी