"खट्टे मीठे व्यंग" अरुणेन्द्र नाथ वर्मा द्वारा लिखित एक व्यंग संकलन है। इस कहानी में, लेखक अपने एक मित्र को दिल्ली की मेट्रो रेल दिखाने ले जाता है, जहाँ उन्हें सार्वजनिक चुम्बन समारोह का दृश्य देखने को मिलता है। युवा पीढ़ी खुलेआम प्यार का इज़हार कर रही होती है, जबकि परंपरावादी लोग इसका विरोध करते हैं। इस स्थिति में दिल्ली पुलिस भी अजीब स्थिति में होती है, क्योंकि उन्हें दोनों पक्षों को संतुलित करना होता है। लेखक के मित्र इस स्थिति पर टिप्पणी करते हैं कि जब फिल्में चुम्बन को सामान्य मानती हैं, तो स्टेशन पर इसका विरोध करना कैसे उचित है। वे यह भी कहते हैं कि यदि भारत इसी दिशा में बढ़ता रहा, तो तालिबान जैसी सोच से भी सामना हो सकता है। मित्र की बातें लेखक को सही और असहज दोनों लगती हैं। इसके बाद, मित्र सुझाव देते हैं कि सार्वजनिक शौचालयों की तरह सार्वजनिक चुम्बनालय बनाने पर विचार किया जाना चाहिए, ताकि युवा अपने प्रेम का इज़हार कर सकें। अंत में, लेखक इस दुविधा में रहता है कि किसकी सुनें और किसकी न सुनें। इसके साथ ही, "बाबा ब्लैकशीप" शीर्षक से बचपन की मासूमियत और नर्सरी राइम्स का उल्लेख किया गया है, जो बचपन की यादों को ताज़ा करता है। Khatte Mithe Vyang : Chapter 4 Arunendra Nath Verma द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 10 2.7k Downloads 8.5k Views Writen by Arunendra Nath Verma Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कई वर्षों से अमरीका में रहने वाले एक मित्र दिल्ली आये तो मैं बड़े गर्व के साथ उन्हें दिल्ली की मेट्रो रेल दिखाने ले गया. लेकिन स्टेशन पर ज़बरदस्त हंगामे का माहौल दिखा. पता चला कि सार्वजनिक चुम्बन पर परम्परावादी लगाम ढीली करवाने का जज्बा लेकर दिल्ली की तेज़ तर्रार युवा पीढ़ी स्टेशन पर खुले आम चुम्बन समारोह मनाने आई थी. उधर भारतीय संस्कृति की रक्षा को प्रतिबद्ध बहुत से खुदाई खिदमतगार इन प्रदर्शनकारियों को पीटकर और उनके कपडे फाड़कर देश की लज्जा ढंकने के उतने ही ज़बरदस्त जज्बे का प्रदर्शन करने आये हुए थे. Novels खट्टे मीठे व्यंग नाम के पीछे आई ए एस के गरिमामय दुमछल्ले को जोड़ने वाले मेरे छोटे भाई की कार मेरे घर के सामने उन्होंने कई बार खड़ी देखी तो अपने कौतूहल को वे रोक नहीं पाए... More Likes This Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi Devkule मोहब्बत की दास्तान - 1 द्वारा Vishal Saini शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 1 द्वारा saif Ansari हास्यास्त्र भाग–१ द्वारा Bhaveshkumar K Chudasama थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी