कहानी-संग्रह "एक सुबह का महाभारत" लेखक प्रकाश मनु द्वारा लिखा गया है। प्रकाश मनु का जन्म 12 मई, 1950 को शिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने आगरा कॉलेज से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. और हिंदी में एम.ए. किया। वे कुछ समय तक प्राध्यापक रहे और बच्चों की पत्रिका 'नंदन' के संपादक रहे। उनकी लेखनी में उपन्यास जैसे 'यह जो दिल्ली है', 'कथा सर्कस', और 'पापा के जाने के बाद' शामिल हैं। उन्होंने बाल साहित्य में भी कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें 'गंगा दादी जिंदाबाद', 'मैं जीत गया पापा', और 'चिन-चिन चूँ' जैसी कहानियाँ शामिल हैं। प्रकाश मनु ने हिंदी साहित्य में कई महत्वपूर्ण योगदान किए हैं, जिसमें दिग्गज साहित्यकारों के इंटरव्यूज़ और संस्मरण भी शामिल हैं। उनका काम बच्चों के लिए शिक्षा और मनोरंजन का माध्यम बनता है।
Ek Subha Ka Mahabharat
Prakash Manu
द्वारा
हिंदी बाल कथाएँ
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विवरण
फिर एक दिन की बात है। सर्दियों की शाम। गाड़ी का इंतजार करने वालों की भीड़ कम थी। शायद कोई छुट्टी थी उस दिन। मैंने बेसब्री से उसी परिचित कोने पर निगाह घुमाई। वह नहीं थी। मैं निराश सा प्लेटफार्म पर चलकदमी कर रहा था कि अचानक वह दिखाई दी। एक बेंच पर बैठी थी। चेहरा फिल्मफेयर में छिपा था। मैं हौले से पास जाकर खड़ा हो गया। सामने मुझे देखकर चौंकी, “आप...?” मैं हँसा, “आज तुम्हें ढूँढ़ने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ी अरुंधती।”
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