कहानी संग्रह "टूटे कपों का कोरस" प्रकाश मनु द्वारा लिखा गया है, जो 9 नवंबर 2015 को प्रकाशित हुआ। प्रकाश मनु का जन्म 12 मई, 1950 को उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद में हुआ। उन्होंने आगरा कॉलेज से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. और हिंदी में एम.ए. किया। वे कुछ समय तक प्राध्यापक रहे और बच्चों की पत्रिका 'नंदन' के संपादक रहे। प्रकाश मनु ने कई उपन्यास, कविता संग्रह और कहानी संग्रह लिखे हैं, जिनमें "यह जो दिल्ली है", "कथा सर्कस", और "पापा के जाने के बाद" शामिल हैं। उन्होंने बाल साहित्य पर भी काफी काम किया है और उनकी लगभग सौ पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। उनकी लेखनी में विविधता है, जिसमें हास्य, शिक्षा, और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित कहानियाँ शामिल हैं। वे स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं और बाल साहित्य के लिए नई योजनाएँ तैयार कर रहे हैं।
सुकरात मेरे शहर में
Prakash Manu
द्वारा
हिंदी बाल कथाएँ
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विवरण
पहली बार उसे गुलमोहर के लाल फूले पेड़ के नीचे बैठे देखा था। एक स्वस्थ, अधेड़ आदमी जिसकी गोदी में गुलमोहर के चार-छै फूल थे। लाल, दहकते हुए। उसने खुद ही उठाकर रखे थे या ऊपर से गिर पड़े थे, कह पाना मुश्किल था। फिर भी बात हैरानी की तो थी ही। आज के वक्त में कोई अधेड़ इतना सौम्य, इतना सुगठित और इतना फूल-प्रेमी तो रह नहीं जाता।
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